बिहार के ये पांच एनएच हैं सबसे खतरनाक, जानिये किन-किन जिलों से गुजरती है ये सड़कें
सड़कों के संरचना में आवश्यक सुधार, संकेतक, स्ट्रीट लाइट, संकेतक व एफओबी जैसे काम होंगे ताकि जान-माल का नुकसान कम हो सके.
पटना. सड़क दुर्घटना के लिहाज से बिहार के 2021 में पांच नेशनल हाइवे (राष्ट्रीय राजमार्ग-एनएच) सबसे खतरनाक साबित हुए. एनएच पर हो रहे हादसों में आधे से अधिक इन्हीं पांचों एनएच पर घटित हो रही हैं, जबकि होने वाली मौतों में भी आधे से अधिक इन्हीं पांचों एनएच पर ही हैं.
सबसे खतरनाक एनएच -31 है
सबसे खतरनाक एनएच -31 है. नवादा, बिहारशरीफ, पटना, बेगूसराय, खगडिया, पूर्णिया व किशनगंज से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 644 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. इनमें 520 लोगों की मौत हो गयी. वहीं, एनएच -28 दूसरे स्थान पर है. बेगूसराय, मुजफ्फरपुर व गोपालगंज से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर कुल 515 हादसे हुए, जिनमें 443 लोगों की मौत हो गयी. यह बात गत दिनों परिवहन वि भाग की समीक्षा बैठक में सामने आयी है.
बिहार में 3285 सड़क दुर्घटनाएं
अधिकारियों के अनुसार राज्य की एनएच पर बिहार में 3285 सड़क दुर्घटनाएं हुईं. कुल हादसों का यह 59 प्रति शत है. इसमें से 2517 मौतें यानी 77 फीसदी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधि करण (एनएचएआइ) के अधीन वाली एनएच पर हुई, जबकि पथ निर्माण वि भाग के अधीन नेशनल हाइवे पर मात्र 768 मौतें हुईं, जो कुल 23 फीसदी ही है. एनएच- 30 सड़क दुर्घटना के मामले में तीसरे पायदान पर है. पटना व भोजपुर से होकर गुजरने वाली इस एनएच पर 378 हादसे हुए, जि नमें से 279 की मौत हो गयी. चौथे पायदान पर एनएच- 57 है.
18 जिलों में सबसे अधिक दुर्घटनाएं
गुजरने वाले इस एनएच पर 376 सड़क हादसे हुए, जि नमें से 331 की मौत हो गयी, जबकि पांचवें स्था न पर दो एनएच हैं. कैमूर, सासाराम व औरंगाबाद से होकर गुजरने वाले इस एनएच पर 356 सड़क हादसे हुए, जि नमें से 295 की मौत हो गयी. इस तरह इन पांचों एनएच पर कुल 2269 हादसे हुए ,जो कुल दुर्घटना का 55.17 प्रति शत है. 1868 लोगों की मौत हुई , जो कुल मौतों का 56.66 प्रति शत है.
हादसा रोकने को हो रहा ऑडिट
इन पांचों एनएच पर ही अधि क हादसे होने का सेफ्टी ऑडिट कि या जा रहा है. एनएचएआइ के अधीन 2649 कि लोमीटर सड़कों का ऑडिट किया जाना है. एनएचएआइ ने अब तक 1248 कि लोमीटर ऑडिट का काम पूरा कर लि या है. बाकी 1360 कि लोमीटर नेशनल हाइवे का ऑडिट कि या जा रहा है. एनएचएआइ को इस बाबत बिह ार सरकार ने आवश्यक निर्देश दिया है ताकि तय समय में रोड सेफ्टी ऑडिट का काम पूरा हो जाये और हादसों का कारण सामने आने पर उसका नि दान हो सके.
रिपोर्ट पर परिवहन विभाग करेगा कार्रवाई
ऑडिट में सड़क दुर्घटना के लिहाज से उन सभी कारणों की खोज हो रही है. ऑडिट में यह देखा जायेगा कि कौन- सी सड़क दुर्घटना के लिहाज से अधिक खतरनाक है ओर क्यों है. रिपोर्ट के आधार पर सड़क दुर्घटना रोकने को आवश्यक कार्रवाई की जायेगी. इसके तहत सड़कों के संरचना में आवश्यक सुधार, संकेतक, स्ट्रीट लाइट, संकेतक व एफओबी जैसे काम होंगे ताकि जान-माल का नुकसान कम हो सके.