पटना. सूबे के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में उद्योग के क्षेत्र में एक हजार करोड़ या इससे ज्यादा निवेश करने वालों का सरकार रेड-कारपेट वेलकम करेगी. विभागीय मंत्री स्वयं उनका वेलकम करने एयरपोर्ट जायेंगे.
मंत्री ने देश-दुनिया के निवेशकों से यहां आने की अपील करते हुए कहा कि निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए बिहार फाउंडेशन के बैनर तले जगह-जगह कॉन्फ्रेंस करेंगे. उद्योग मंत्री ने शुक्रवार को विधानसभा में एक हजार 285 करोड़ का विभागीय बजट पेश किया.
उनके बजट भाषण के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि जब ये केंद्र में मंत्री थे, तो बिहार के साथ सौतेला व्यवहार होता था. मंत्री पहले यह बताएं कि प्रधानमंत्री को वे मोतिहारी चीनी मिल की चाय कब पिला रहे हैं.
मंत्री के संबोधन में उद्योग पर कोई चर्चा नहीं है. कोई ब्लूप्रिंट नहीं है. इसके बाद सभी विपक्षी सदस्यों ने उनके भाषण का बहिष्कार करते हुए सदन से वॉकऑउट किया. इस पर मंत्री ने कहा कि जब शिक्षा मंत्री विजय चौधरी भाषण देते हैं, तो विपक्ष वॉकऑउट नहीं करता, जबकि उनके भाषण का वे बॉयकाट करते हैं.
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में रोजगार और उद्योग सबसे बड़े मुद्दे हैं. उद्योग के कारण यहां रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर पैदा होंगे. इसके लिए नयी औद्योगिक नीति, 2016 में कई सुधार किये गये हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जिद बिहार में उद्योग लाने की है, तो उनकी यह जिद हर हाल में पूरी होकर रहेगी. दुनिया की कोई ताकत इस इरादा को नहीं बदल सकता है. उद्योगों के विकास के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं.
मंत्री ने कहा कि यहां की चीनी मिलें केंद्र की तत्कालीन यूपीए सरकार की उदासीनता के कारण बंद हो गयीं. 2006-07 में ही अगर केंद्र ने अनुमति दे दी होती, तो यह स्थिति पैदा नहीं होती. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिखे पत्र के बाद मौजूदा केंद्र सरकार ने चीनी मिलों में इथनॉल उत्पादन की अनुमति प्रदान कर दी है. इससे यहां की चीनी मिलें फिर से चालू हो सकेंगी.
अब गन्ना के अलावा मक्का, चावल और एफसीआइ के गोदामों के सड़े चावल से भी इथनॉल बनेगा. इधर से गन्ना डालेंगे, तो उधर से इथनॉल निकलेगा. इसी तरह इधर से मक्का डालेंगे, तो उधर से डॉलर निकलेगा. मक्का उत्पादन और इससे जुड़े उद्योग लगाने पर भी खासतौर से ध्यान दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना का दायरा बढ़ा दिया गया है. इसमें एससी-एसटी वर्ग के युवाओं के अलावा अब अतिपिछड़ा एवं पिछड़ा वर्ग के युवाओं को भी जोड़ा गया है. एससी-एसटी वर्ग के लोगों को उद्योग लगाने के लिए बिना ब्याज पर ऋण दिया जायेगा, परंतु बीसी और इबीसी वर्ग के युवाओं को एक प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि बंद पड़ी चीनी मिलों के मजदूरों की बकाये राशि के मामले को भी सरकार देख रही है. जल्द ही इसका समाधान निकाला जायेगा.
उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरीडोर से गया को भी जोड़ा जायेगा. इसके लिए जिले के गमहरिया नामक स्थान के पास दो हजार एकड़ जमीन का चयन किया जा रहा है. एक हजार 635 एकड़ जमीन चिह्नित कर ली गयी है. जमीन अधिग्रहण के लिए 400 करोड़ जारी कर दिये गये हैं. इसमें केंद्र सरकार भी मदद करेगी और इतनी ही राशि वह भी देगी. राज्य में औद्योगिक विकास के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम हो रहा है. हाल के कैबिनेट से यह प्रस्ताव पास भी हो गया है.
Posted by Ashish Jha