BRABU में आवेदन व एडिट के चक्कर में छात्रों के खर्च हो रहे हजारों रुपए, अब छात्रों को मिलेगी बड़ी राहत
मुजफ्फरपुर के BRABU में आवेदन व एडिट के चक्कर में छात्रों के हजारों रुपए खर्च हो रहे है. छात्रों का कहना है कि स्नातक और पीजी में नामांकन के लिए जितनी फीस लगती है, उतना आवेदन और एडिट में ही खर्च हो जा रहा है.
मुजफ्फरपुर. स्नातक और पीजी में नामांकन के लिए जितनी फीस लगती है, उतना आवेदन और एडिट में ही खर्च हो जा रहा है. हजारों छात्र-छात्राओं को अब नामांकन के लिए थौथी बार आवेदन में एडिट करना पड़ रहा है, जिसके लिए वे साइबर कैफे का चक्कर लगा रहे हैं. वहां से भी सही जानकारी नहीं मिलने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही इससे अभिभावकों पर दोहरा भार पड़ रहा है. बीआरएबीयू और कॉलेजों में हेल्प सेंटर की मांग उठ रही है.
आवेदन व एडिट के चक्कर में छात्रों के खर्च हो रहे हजारों रुपए
मिठनपुरा की रहने वाली छात्रा दिव्या ने मई में पहली बार पोर्टल खुला, तभी स्नातक में नामांकन के लिए आवेदन किया था. इसके बाद चार मेधा सूची जारी है, लेकिन किसी में नाम नहीं आया. दिव्या ने बताया कि अब स्पॉट एडमिशन के लिए जिन कॉलेजों में सीट खाली है, वहां का विकल्प देना है. हर बार साइबर कैफे में पैसा खर्च हो रहा है. घरवाले गुस्सा भी कर रहे हैं. भगवानपुर के रहने वाले अर्जुन का कहना है कि सभी कॉलेजों में वाइफाई की सुविधा है. ऐसे में यदि वहां हेल्प सेंटर भी खोल दिया जाये, तो काफी राहत मिलेगी.
साइबर कैफे वालों के चक्कर में फंस रहे बच्चे
मेरिट लिस्ट में जगह दिलाने के नाम पर साइबर कैफे वाले भी ठगी कर रहे हैं. जिसका शिकार अब तक सैकड़ों बच्चे हो चुके हैं. विवि की ओर से पहली मेरिट लिस्ट जारी की गयी, तो कई कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को प्राचार्य कोटे से नामांकन के लिए भेज दिया गया था. इसकी जानकारी कॉलेज के प्राचार्यों को नहीं थी. जब नामांकन के लिए छात्र कॉले पहुंचे, तब इसका खुलासा हुआ. इसी तरही पीछले महीने बेतिया के एक कॉलेज में भी दर्जनों छात्रों का नाम कोटे के तहत नामांकन के लिए भेज दिया गया था. मामला संदिग्ध होने पर प्राचार्य ने नामांकन पर रोक लगा दी.
अभी चल रही आवेदन व एडिट की प्रक्रिया
स्नातक सत्र 2022-2025 और पीजी सत्र 2021-2023 में स्पॉट एडमिशन की सुविधा दी गयी है. साथ ही स्नातक के नये आवेदन के लिए भी पोर्टल खोला गया है. इसके चलते साइबर कैफे पर विद्यार्थियों की भीड़ जुट रही है. भीड़ के चलते कॉलेज या विषय का विकल्प चुनने के लिए ज्यादा समय नहीं मिल पाता. छात्र-छात्राओं को डर है कि इस बार भी सही विकल्प का चयन नहीं हुआ, तो नामांकन मुश्किल हो जायेगा.