बिहार पुलिस मुख्यालय से फील्ड पोस्टिंग कराने को IPS आदित्य ने रची साजिश, DGP के पीछे ही जालसाज को लगाया

बिहार के डीजीपी एस के सिंघल को फर्जी जज बनकर फोन करने वाले नटवरलाल ने जब खुलासे किये तो आइपीएस आदित्य कुमार का पोल खुला. जो अपने ऊपर केस हटवाने और फिर एकबार फील्ड में पोस्टिंग के लिए ये खेल कर रहे थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2022 9:57 AM

Bihar News: बिहार के डीजपी (Bihar DGP) एस के सिंघल को फर्जी चीफ जस्टिस बनकर फोन करने वाले जालसाज को ईओयू ने पकड़ा तो पूछताछ के दौरान उसने बड़े खुलासे किये हैं. गया के पूर्व एसएसपी आदित्य कुमार इस मामले में घिर चुके हैं. मुख्यालय में बैठकर ही आदित्य कुमार ने अपने नटवरलाल दोस्त के जरिये डीजीपी पर दबाव बनवाया. ये खेल अपने ऊपर चल रहे केस को हटवाने और फिर एकबार फील्ड में पेास्टिंग लेने के लिए खेला जा रहा था. पोल खुलने के बाद आइपीएस आदित्य फरार हैं और उनपर केस दर्ज कर लिया गया है.

एसएसपी के पद पर पोस्टिंग भी रही चाह

आइपीएस अधिकारी आदित्य कुमार की योजना अपना केस खत्म कराने तक ही नहीं थी. वह अन्य जिले में एसएसपी के पद पर पोस्टिंग भी चाह रहे थे. इओयू की पूछताछ में अभिषेक ने बताया कि आइपीएस अधिकारी उससे उसके अजय निलयन अपार्टमेंट, नागेश्वर कॉलोनी कई बार मिले हैं. वे पुलिस मुख्यालय स्थित अपने कार्यालय और वरिस्ता रेस्टोरेंट, बोरिंग रोड में मुलाकात करते थे. अभिषेक का टाइल्स की एक्जिविशन रोड में बड़ी दुकान है.

जालसाज दोस्त के साथ IPS ने डीजीपी पद दबाव का बनाया प्लान

अभिषेक के अनुसार दोनों ने योजना बनायी कि पटना के किसी वरीय जज के नाम पर यदि डीजीपी को फोन कर कहा जाए, तो पूर्व एसएसपी के खिलाफ चल रही प्रोसिडिंग खत्म हो जायेगी. किसी जिले में उनकी पदस्थापन भी हो सकती है. दोनों ने योजना तैयार की. तय हुआ कि चीफ जस्टिस का छद्म रूप से वाट्सएप कॉल, नॉर्मल कॉल किया जायेगा. इस योजना के तहत अभिषेक ने डीजीपी को फोन अपने प्रभाव में लेने की कोशिश की. उसने आदित्य कुमार के हित में प्रशासनिक निर्णय के लिए दबाव बनाया.

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चीफ जस्टिस बनकर झाड़ता रहा रौब

अभिषेक ने बताया कि डीजीपी को शक न हो इसके लिए वह चीफ जस्टिस बनकर पूरे रौब के साथ बात करता था. डीपी में मुख्य न्यायाधीश का फोटो भी लगा था. शुरू में तो डीजीपी भी उसे असली चीफ जस्टिस मान बैठे. अभिषेक ने इओयू को बताया कि वह जब नाराजगी दिखाता था तो डीजीपी मोबाइल पर वाट्सएप के माध्यम से समय लेकर कॉल भी करते थे. कॉल राहुल रंजन जायसवाल द्वारा उपलब्ध कराये फोन से किया गया था.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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