पटना. बिहार विधानसभा में अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने शुक्रवार को हंगामा कर रहे भाजपा के चार विधायकों जीवेश मिश्रा, जनक सिंह, प्रमोद कुमार और लखींद्र पासवान को चेतावनी दी है कि वे अपने आचरण में सुधार लाएं नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. स्पीकर की इस चेतावनी पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति जताई है. भाजपा विधायकों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. एक ओर जहां नेता प्रतिपक्ष ने सभाध्यक्ष को चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि वो भ्रम में न रहें, अगर ऐसा कोई कदम वो उठायेंगे तो हम अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे. वहीं दूसरी ओर चेतावनी पानेवाले चार विधायकों में से एक पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहारियों के लिए जान दे दूंगा. मैं किसी से डरता नहीं. मुझे अपने क्षेत्र की जनता ने चुन कर भेजा है, किसी के बाप ने यहां नहीं बिठाया है.
मीडिया ने जब जीवेश मिश्रा से पूछा कि अध्यक्ष ने उन्हें निष्कासित करने की चेतावनी दी है तो जीवेश मिश्रा ने कहा कि बिहारियों के लिए, बिहार के मजदूरों के लिए सदन से निष्कासन बहुत छोटी बात है. जरूरत पड़ी तो बिहार के लोगों के लिए जान भी दे देंगे. जीवेश मिश्रा ने कहा कि इन सब बातों से मुझे कोई डरा नहीं सकता. किसी के बाप ने मुझे यहां नहीं बिठाया है. मेरे विधानसभा क्षेत्र जाले की महान जनता ने मुझे चुनकर भेजा है. जाले की जनता से मुझे चुनकर भेजा है. मैं अगर डरता हूं तो वहां की जनता से डरता हूं. जीवेश मिश्रा ने कहा कि अध्यक्ष गलत कर रहे हैं. उन्होंने कहा-आप वीडियो देखिये, मैंने टेबल नहीं पलटा है. ये लोग झूठे आरोप लगा रहे हैं. आसन जान बूझ कर विपक्षियों पर कार्रवाई कर रहा है. आप वीडियो देखिये, मुझे अपनी बात कहने से रोका गया था तो मैंने जोर देकर अपनी बात कही थी. मैं बिहार का श्रम संसाधन मंत्री भी रहा हूं, मुझे श्रमिकों की बात उठाने का हक है. मैं बिहार के मजदूरों के लिए जान देने को भी तैयार हूं.
इधर, नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सीधे तौर पर कह दिया है कि अध्यक्ष किसी भ्रम में नहीं रहें. जनता के सवालों को सदन में उठाना विपक्ष का काम होता है और भाजपा जनता के मुद्दों को सदन में उठाती रहेगी. उन्होंने कहा आचरण सुधारने की जरूरत उन लोगों को है, जिन्होंने बिहार में जंगलराज लाने का काम किया. इध्यक्ष लाख धमकी दे लें लेकिन सदन की मर्यादा का हनन होगा तो आगे रास्ते खुले हुए हैं. नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि संवैधानिक पद पर बैठे विधानसभा अध्यक्ष पद की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं. विधानसभा के स्पीकर ट्रेजरी बेंच पर बैठे सरकार के लोगों से पूछकर काम करते हैं. सत्ताधारी दल की तरफ से जो इशारा होता है उसके अनुसार एक्शन लेते हैं. आज सदन में ट्रेजरी बेंच की तरफ से जो लिखकर दिया गया उसे स्पीकर ने सदन में पढ़ा.
विजय सिन्हा ने कहा कि विपक्ष के सदस्यों को स्पीकर की तरफ से बोलने का मौका नहीं दिया जाता है. पक्ष का नेता हो या विपक्ष का नेता, दोनों का अधिकार समान होता है, लेकिन सवाल उठाने पर स्पीकर की तरफ से कार्रवाई की धमकी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि स्पीकर लाख धमकी दे लें लेकिन भाजपा पर इसका कोई असर नहीं पड़ने वाला है. बिहार के लोगों के साथ बर्बरता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेंगे और सदन से सड़क तक भाजपा इसके लिए लड़ाई लड़ेगी. स्पीकर विपक्ष के साथ इस तरह का व्यवहार नहीं करें. स्पीकर राजद के विधायक नहीं बल्कि सदन के संरक्षक हैं. उन्हें अपनी गरिमा को समझते हुए सदन की मर्यादा को बढ़ाना चाहिए. स्पीकर का इस तरह का आचरण लोकतंत्र के लिए खतरा है.