पटना हाईकोर्ट के बाद बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों को बम से उड़ाने की धमकी, पुलिस ने ATS को भेजा संदेश
मगध मेडिकल कॉलेज को ईमेल के माध्यम से बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज को उड़ाने की धमकी दी गई. जिसके बाद गया एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया है. साथ ही इसकी सूचना एटीएस के वरीय अधिकारियों को दी गई है
बिहार के पटना हाइकोर्ट को उड़ाने की धमकी के बाद अब गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज को उड़ाने की धमकी मिली है. यह धमकी मगध मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को ई-मेल के माध्यम से भेजी गई है. ई-मेल में लिखा गया कि ‘अस्पताल के अंदर बहुत सारे बम छुपा कर रखे गये हैं. उसे विस्फोट कर दिया जायेगा, सब मारे जाओगे.’ इस मेल में राज्य के सभी बड़े मेडिकल कॉलेज को उड़ाने की धमकी दी गई. धमकी मिलने के बाद एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया है. साथ ही इसकी सूचना पुलिस मुख्यालय में आतंकी संगठनों के विरुद्ध ऑपरेशन चलाने वाले एटीएस के वरीय अधिकारियों को दी है, ताकि गंभीरता से इसकी छानबीन हो सके.
10 मिनट के अंदर लिया गया एक्शन
सिटी एसपी हिमांशु ने शनिवार को मीडिया को बताया कि अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल को बम से विस्फोट कर उड़ा देने की धमकी मिलने की सूचना के 10 मिनट के अंदर ही त्वरित एक्शन लिया गया. डॉग स्क्वाड व बम निरोधक दस्ते से जुड़े पुलिसकर्मियों ने मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के चप्पे-चप्पे का जायजा लिया था. हालांकि, कॉलेज व अस्पताल परिसर से कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली. इसके बावजूद इस मामले को गंभीरता से लिया गया है.
सुरक्षा व्यवस्था की होगी समीक्षा
सिटी एसपी ने कहा कि मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल में प्रतिदिन कई जिलों से सैकड़ों लोग आते हैं. यहां की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की जायेगी. इसके लिए डीएसपी विधि-व्यवस्था खुर्शीद आलम व मगध मेडिकल थानाध्यक्ष शैलेश कुमार को विशेष रूप से जिम्मेदारी सौंपी गयी है.
टेक्निकल सेल कर रही छानबीन
सिटी एसपी ने बताया कि जिस इ-मेल के जरिये मगध मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को मेल पर धमकी भेजी गयी है, उसकी छानबीन की जा रही है. इसमें एसएसपी के गोपनीय कार्यालय में पोस्टेड टेक्निकल सेल की पुलिस को सौंपा गया है. इस मामले में धारा 505, 506, 507, 120 व 66 आइटी एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
शंकर ने दी धमकी
सिटी एसपी ने बताया कि धमकी देने वाले ने बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों को धमकी दिया था. ऐसा लगता है कि सिर्फ पैनिक क्रिएट करने को लेकर किसी असामाजिक तत्व ने धमकी दी है. जिस यूजर से धमकी दी गयी है, उसकी पहचान शंकर नामक के रूप में की गयी है. इस मामले में छानबीन की जा रही है. टेक्निकल सेल पता लगा रही है कि ई-मेल कहां से भेजा गया था
हाइकोर्ट में सुरक्षा उपकरणों को दुरूस्त करने की कवायद शुरू
पटना हाइकोर्ट परिसर में विस्फोटक रखने और उड़ाने की धमकी के बाद पटना पुलिस की नींद खुली है. इस घटना के बाद एटीएस, पटना पुलिस, डॉग स्क्वायड व बम स्क्वायड की टीम ने चप्पे-चप्पे को खंगाला, तो यह बात सामने आयी कि हाइकोर्ट में लगे सुरक्षा उपकरणों की मरम्मति की आवश्यकता है. इसके बाद ही आनन-फानन में मरम्मति के लिए टेंडर निकाल दिया गया और कार्य करने के लिए 30 जनवरी के दो बजे तक पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के कार्यालय कक्ष में रखे बॉक्स में अपना आवेदन डालने का निर्देश दिया गया है.
जांच को गुप्त रखा गया
टेंडर में यह बताया गया कि हाइकोर्ट के गेट नंबर दो एवं तीन पर स्थित बूम बैरियर, गेट नंबर दो व तीन पर स्थित अंडर व्हीकल सर्च सिस्टम व गेट नंबर तीन पर स्थित एक्स-रे बैगेज स्कैनर की मरम्मत करनी है. इधर, इस धमकी भरे इ-मेल की जांच के लिए पटना पुलिस की टेक्निकल टीम लगी हुई है. हालांकि जांच को फिलहाल गुप्त रखा गया है.
पटना हाईकोर्ट में अतिरिक्त पुलिस की तैनाती
हाइकोर्ट में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गयी है. साथ ही एहतियात के तौर पर कोतवाली थाना पुलिस को रात भर गश्ती कर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है. विदित हो कि शुक्रवार को किसी टेरेराइजर्स 111 ग्रुप ने इ-मेल के माध्यम से मैसेज भेज कर पटना हाइकोर्ट में विस्फोटक रखे जाने की जानकारी दी थी.
बूम बैरियर
यह वाहन यातायात और पैदल यात्रियों को नियंत्रित करने के लिए एक सुरक्षा द्वार है. बूम बैरियर कॉर्पोरेट हाउस, टोल टैक्स प्लाजा, पार्किंग स्थल आदि जैसे उच्च-सुरक्षा परिसर में प्रवेश करने के लिए उनकी पात्रता की जांच करता है.
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अंडर व्हीकल सर्च सिस्टम
यह सिस्टम गाड़ी की नीचे से भी पूरी तरह स्कैन कर जांच कर लेता है. अगर कोई विस्फोटक गाड़ी के नीचे लगा होगा, तो इससे पकड़ा जा सकता है. इस सिस्टम को भी महत्वपूर्ण जगहों पर लगाया जाता है.
एक्स-रे बैगेज स्कैनर
इस स्कैनर के माध्यम से बैग में रखे एक-एक सामान की स्कैनिंग कर ली जाती है. अगर किसी प्रकार की आपत्तिजनक वस्तु होती है, तो वह तुरंत ही दिख जाती है. इस स्कैनर को रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट व अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर लगाया जाता है.
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