भागलपुर: बिहार अग्निशमन सेवा की उदासीन रवैये का सामना भागलपुर अग्निशमन विभाग को करना पड़ रहा है. एक तरफ जहां 10 साल पुराने अग्निशमन की खटारा हो चुकी दमकल गाड़ियों पर 35 लाख आबादी वाले भागलपुर जिले का भार है. वहीं, नयी आयी एक दर्जन छोटी गाड़ियां केवल छोटी-छोटी आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने में सक्षम हैं.
गुरुवार को सिकंदरपुर में हुई घटना ने अग्निशमन सहित नगर निगम और जिला प्रशासन की पोल खोल दी. संसाधनों के नाम पर अग्निशमन विभाग के पास 16 गाड़ियां हैं, जिनमें तीन से चार गाड़ियां अब धक्का मार हो चुकी हैं. जिला अग्निशमन विभाग वर्तमान में चालकों की कमी से भी जूझ रहा है. 16 गाड़ियों के लिए महज 11 अग्निशमन चालक ही भागलपुर में तैनात हैं.
फायर स्टेशन की बात करें तो वर्तमान में बड़ी खंजरपुर स्थित रिफ्यूजी कैंप में चल रहे इस विभाग के पास न तो गाड़ियों को रखने के लिए शेड है और न ही अफसरों और कर्मियों के रहने वाले आवासन की सुविधा. पिछले तीन दशकों से अग्निशामालय खाली पड़े पुराने जर्जर रिफ्यूजी कैंप में चल रहा है. भागलपुर शहरी क्षेत्र में तीन आधुनिक फायर स्टेशनों को खोलने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली थी. जिसके बाद से योजना से लेकर इस संबंध में दिये गये दिशा निर्देश दस्तावेजों में ही इधर से उधर दौड़ रहे हैं. वहीं भागलपुर के नये फायर स्टेशन ऑफिशर की ओर से सुल्तानगंज में भी अलग से फायर स्टेशन खोलने के लिये अग्निशमन विभाग को प्रस्ताव भेजा है.
बिहार अग्निशमन विभाग और सरकार की ओर से भागलपुर शहरी क्षेत्र में तीन आधुनिक फायर स्टेशन खोलने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिली थी. जिसमें एक फायर स्टेशन वर्तमान में बड़ी खंजरपुर स्थित डीआइजी कार्यालय के पीछे, दूसरे फायर स्टेशन के लिए बियाडा में जमीन का भी अलॉटमेंट हो चुका था. वहीं दक्षिणी इलाके में बनाये जाने वाले तीसरे फायर स्टेशन के लिए जमीन को भी चिह्नित कर लिया गया है. पर फायर स्टेशन के निर्माण की अब तक नींव भी नहीं पड़ी है.
जिला अग्निशनम विभाग के पूर्व और वर्तमान अफसरों की मानें तो वर्तमान में जिस जगह शहरी क्षेत्र का एक मात्र फायर स्टेशन मौजूद है वहां पर आधुनिक फायर स्टेशन निर्माण के साथ-साथ अग्निशमन संसाधनों के लिए उचित रख रखाव और अफसरों और कर्मियों के लिए आवासन की सुविधा भी उपलब्ध करायी जानी थी. पर जिला प्रशासन की उदासीनता की वजह से पिछले तीन सालों में रिफ्यूजी कैंप की जमीन को अग्निशमन को अब तक आवंटित नहीं किया जा सका है.
सालों पुराना शहर होने की वजह से भागलपुर के कई ऐसे मोहल्ले हैं जहां पर अग्निशमन विभाग की बड़ी गाड़ियां नहीं जा सकती हैं या फिर बार-बार उसे तंग गलियों में प्रवेश कराने और निकालने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. इसके लिए अग्निशमन विभाग की ओर से नगर निगम से शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहें, सड़कों सहित तंग गलियों और मोहल्लों में नगर निगम की पाइपलाइन में हाईड्रेंट लगाने की मांग की थी. गुरुवार को सिकंदरपुर अनुसुचित टोला की तंग गलियों में लगी आग पर काबू पाने में आसानी हो जाती अगर उक्त गली में हाईड्रेंट की सुविधा उपलब्ध रहती. बड़ी गाड़ी को घटनास्थल के करीब पहुंचाने और उसमें दर्जनों पाइप को जोड़ पानी को अगलगी स्थल तक पहुंचाने में करीब एक घंटे का समय लग गया. जिसकी वजह से क्षति ज्यादा हुई.