पश्चिम चंपारण के बगहा स्थित वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन प्रमंडल दो के हरनाटांड़ वन क्षेत्र में बाघ के हमले से एक वृद्ध की मौत हो गयी. लौकरिया थाने के बैरिया काला गांव के निवासी धर्मराज काजी का क्षत-विक्षत शव शुक्रवार को दोपहर बाद स्थानीय ग्रामीणों ने जंगल के निकट देखा. ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग तथा लौकरिया थाने को दी. जानकारी के अनुसार, धर्मराज काजी (60) गुरुवार की शाम घर से खेत में खाद डालने निकले थे. देर रात तक वापस नहीं लौटे, तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की. इसी बीच उनके शव मिलने की सूचना मिली. उनका एक पुत्र तथा पांच पुत्रियां हैं.
बताया जा रहा है कि शव का मांस बाघ खा गया था. उनका केवल हड्डियों का ढांचा मिला है. इस मामले में लौकरिया थानाध्यक्ष अभय कुमार ने बताया कि शव मिलने की सूचना मिली है. पुलिसकर्मियों को मौके पर भेजा गया है. हरनाटांड़ वन क्षेत्र के वन क्षेत्र अधिकारी रमेश प्रसाद श्रीवास्तव ने बताया कि इसकी सूचना मिलते ही जंगल में वन कर्मियों के साथ खोजबीन की गयी. इसमें क्षत-विक्षत शव मिला है. जांच-पड़ताल की जा रही है. इस घटना के बाद किसानों में भय का माहौल है.
आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को बहुत समय तक घेरे रखा. वन विभाग की टीम किसी तरह वहां से निकलकर वन क्षेत्र कार्यालय पहुंची. क्षेत्र के ग्रामीणों में वन विभाग के प्रति भारी आक्रोश है. गौरतलब है कि आये दिन बाघ सीमावर्ती इलाकों में आदमी व जानवरों पर हमला करता रहता था. ग्रामीणों का कहना है कि बारबार कहने के बाद भी वन विभाग के अधिकारी कुछ नहीं करते हैं.
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वन अधिकारी वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के वन के संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणी के. ने बताया कि इसकी सूचना मिली है. वन विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंच गयी है. अभी स्पष्ट नहीं हो रहा है कि बाघ ने मारा है या भालू ने. जांच रिपोर्ट आने के बाद मामला स्पष्ट हो पायेगा.