सीतामढ़ी. सीतामढ़ी में बाघ ने 9 दिनों के अंदर तीन शिकार किये हैं. लोगों में खौफ है और वन विभाग के अधिकारी अब तक बाघ को तलाशने में नाकाम रहे हैं. बाघ को पकड़ने के लिए ड्रोन कैमरे की सहायता ली जा रही है, लेकिन बाघ कैमरे को भी चकमा देने में अब तक कामयाब रहा है. शनिवार को वीटीआर की पांच सदस्यीय टीम सीतामढ़ी पहुंची और नगर निगम क्षेत्र के खरका गांव के सरेह में बाघ की तलाश ड्रोन की सहायता से शुरू कर दी. टीम ने बाघ के पगमार्क के आधार पर उसकी तलाश शुरू की है. ड्रोन से जांच के दौरान खरौरी के अंदर कुछ पगमार्क मिले हैं जो बाघ के लग रहे हैं. हालांकि शनिवार को बाघ का किसी तरह के मूवमेंट का पता नहीं चला है.
वीटीआर से आये बायोलॉजिस्ट सौरभ कुमार ने बताया कि जिले के खरगा गांव के पूर्वी सरेह स्थित पांच-छह बीघा में फैले खरौरी (झाड़ी) के आसपास बाघ के ताजा पगमार्क मिला हैं. इसके बाद टीम ने खरौरी का चारों ओर से मुआयना किया. जांच में बाघ के अंदर जाने के निशान तो मिले, पर बाहर निकलने के पगमार्क ताजा नहीं मिले हैं. इससे आशंका है कि बाघ उसी खरौरी में छिपा होगा. टीम ने शनिवार को दो बार ड्रोन उड़ाकर जांच की, लेकिन अंधेरा होने के बाद तलाश रोक दिया गया.
सौरभ ने कहा कि अब खरौरी के आसपास पिंजरा लगाकर बाघ को फंसाने की तैयारी की जा रही है. बाघ के ताजा पगमार्क जहां मिले हैं, वहीं बाघ को फंसाने के लिए पिंजरा लगाया जा रहा है, ताकि खरौरी से बाहर निकलने पर बाघ को पकड़ा जा सके. आसपास कैमरे से भी निगरानी की जाएगी. रविवार की सुबह से फिर आगे ट्रैकिंग का काम शुरू हुआ है. सौरभ कुमार ने बताया कि जो पगमार्क मिले हैं उससे इसके व्यस्क नर बाघ होने की संभावना है. इसके हमला करने के तरीके व मांस खाने का तरीका भी व्यस्क बाघ की तरह है.
सीतामढ़ी के डीएफओ नरेश प्रसाद ने कहा कि सबसे पहले 5 जनवरी को बाघ को देखा गया था. उस दिन बाघ ने खेत में काम कर रही दो महिलाओं पर पंजा से हमला किया था. इससे महिलाएं घायल हो गयी थी. उसी दिन रात में फिर बाघ ने फिर हमला बोला था. इसके बाद से इलाके में दहशत का माहौल है. लोग घर से निकलने से घबरा रहे हैं. बाघ के हमले के बाद वन विभाग की टीम इलाके में लगातार माइकिंग कर लोगों को सतर्क कर रही है. घनी झाड़ी में बाघ को तलाशना खतरे से खाली नहीं है, जिसे देखते हुए शनिवार को ड्रोन मंगवाया गया. जिसकी मदद से बाघ को ढूंढा जा रहा है. बाघ का ताजा हमला खरका गांव में हुआ है. यहां खेतों में घुसकर बाघ ने तीन जंगली सूअर को अपना शिकार बना डाला.