पं. चंपारण, हरनाटांड़: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के चिउटाहा क्षेत्र में बाघ रेस्क्यू टीम के साथ लुका-छिपी का खेल खेल रहा है. इससे वन विभाग के अधिकारियों एवं वन कर्मियों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. रेस्क्यू के लिए आये पटना-हैदराबाद के एक्सपर्ट व अधिकारियों के बाघ के अलग-अलग जगह पर आते-जाते मिले पगमार्क से पसीने छूट रहे हैं. अब बाघ ने अपना ठिकाना ही बदल लिया है.
बाघ कभी मसान नदी को पार कर वन प्रमंडल एक के रघिया वन क्षेत्र के जंगल की ओर अपना रुख कर रहा है. जैसे ही बाघ का मूवमेंट रघिया का ट्रैस मिल रहा है. अधिकारियों की टीम बाघ को रेस्क्यू करने के लिए रघिया की ओर पहुंच ही रही थी कि बाघ वन प्रमंडल दो के चिउटाहा वन क्षेत्र की ओर पहुंच गया.
दो-दो पिजरों में बकरियों व भैसों के बछड़े को रख बाघ को लुभाने की कोशिशें भी फेल होती जा रही हैं. बाघ पिजरे के पास रखी बकरियों का शिकार कर अधिकारियों व रेस्क्यू एक्सपर्टों की आंखों के सामने से ओझल हो जा रहा है. ट्रैंकुलाइजर गन को भी मात दे उसके निशानों से बच गन्ना और धान की फसलों में छिप जा रहा है.
वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ नेशामणी के ने बताया कि बाघ बहुत ही शातिर दिमाग का लग रहा है. वह दो-दो, तीन-तीन घंटों पर अपना ठिकाना बदल रहा है. गुरुवार को देर रात तक चिउटाहा वन क्षेत्र की कदमहवा की ओर बाघ की चहलकदमी थी. उसके तीन-चार घंटे बाद मसान नदी पार कर रघिया वन क्षेत्र के बॉर्डर की ओर बाघ का मूवमेंट मिला. बाघ के बार-बार ठिकाना बदलने से रघिया और चिउटाहा वन क्षेत्र के सरेहों के चारों तरफ वन कर्मियों की टीम को तैनात कर दिया गया है.