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अब तक बिहार के अस्पतालों में मिल चुके हैं डेंगू के 30 मरीज, पटना में 150 जगह मिला डेंगू का लार्वा

पटना जिले में कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद अब डेंगू फैलने का खतरा पैदा हो गया है. शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, गार्डिनर रोड अस्पताल, एनएमसीएच और एम्स के अलावा अलग-अलग प्राइवेट अस्पताल मिलाकर अब तक करीब 30 लोगों में डेंगू की रिपोर्ट आ चुकी है.

पटना. पटना जिले में कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद अब डेंगू फैलने का खतरा पैदा हो गया है. शहर के पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, गार्डिनर रोड अस्पताल, एनएमसीएच और एम्स के अलावा अलग-अलग प्राइवेट अस्पताल मिलाकर अब तक करीब 30 लोगों में डेंगू की रिपोर्ट आ चुकी है.

स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू पर रोकथाम के लिए अगस्त में जिले की विभिन्न जगहों पर चलाये गये एंटी लार्वा अभियान की रिपोर्ट जारी की है. इसमें पिछले करीब डेढ़ महीने (जुलाई से अब तक) के दौरान पटना जिले में करीब 725 जगहों पर सर्वे किया जा चुका है, जिनमें करीब 150 जगहों पर डेंगू का लार्वा मिलने की बात कही गयी.

डेंगू के लक्षण

  • तेज बुखार

  • सिर, मासंपेशियों व जोड़ों में दर्द

  • आंखों के पिछले हिस्से में दर्द

  • कमजोरी की भी शिकायत

  • भूख न लगना, जी मिचलाना

  • शरीर पर चक्कते उभर आना

  • नाक, मुंह, मसूड़े और मल से खून आना

घर-घर अभियान चलाने का निर्देश

डेंगू के संवेदनशील इलाकों के अलावा घर-घर एंटी लार्वा अभियान चलाने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया है. जानकारों का कहना है कि बारिश के बाद जगह-जगह जलजमाव है. लोग भी कूलर, टायर, गमले आदि के पानी को साफ करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.

मलेरिया व स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर व मुहल्लों में जाकर सर्वे कर रही हैं. सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी के मुताबिक जिन इलाकों में डेंगू का लार्वा मिला है, उन इलाकों के चिह्नित लोगों को नोटिस जारी किया जा रहा है.

शहर के कंकड़बाग, हनुमाननगर, ट्रांसपोर्ट नगर, मजिस्ट्रेट कॉलोनी, दीदारगंज, खाजेकला, फुलवारीशरीफ, बुद्धा कॉलोनी, पाटलिपुत्र कॉलोनी, जक्कनपुर, आशियाना नगर, पीरबहोर, शास्त्रीनगर समेत अन्य इलाकों में टीमें जांच कर रही हैं.

इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी टीमों को भेजा गया है, जहां लार्वा मिल रहा, उसे नष्ट किया जा रहा है. लोग जहां गंदगी व जलजमाव वाले स्थान पर जला मोबिल ऑयल डाल सकते हैं. इससे लार्वा पनपने के खतरे को टाला जा सकता है.

ये बरतें सावधानी

  • मच्छरदानी लगाकर ही सोएं

  • फुल आस्तीन के कपड़े पहनें

  • बुखार आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें

  • अपनी मर्जी से दवा न खाएं

  • जाड़ा लगकर तेज बुखार आने पर डॉक्टर की सलाह पर खून की जांच कराएं

कूलर का पानी बदलते रहें

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ एनके अग्रवाल ने बताया कि घर और आसपास पानी को जमा न होने दें. कूलर का पानी समय-समय पर बदलते रहें. बाथरूम, किचेन में जल भराव पर ध्यान दें. गमले में पानी भरा न रहने दें. छतों पर टायर आदि को हटा दें.

Posted by Ashish Jha

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