पटना. राज्य के शहरी नगर निकायों को जगमग करने की योजना अब तक पूरी नहीं हो पायी है. तीन वर्ष बीतने के बाद भी लगभग एक लाख स्ट्रीट लाइट लगाने का काम बाकी रह गया है.
वहीं, अब तक लगायी गयीं लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक स्ट्रीट लाइटों में काफी लाइटें खराब हो चुकी हैं.
नगर निकायों की रिपोर्ट के अनुसार 40 फीसदी से अधिक लाइटें खराब पड़ी हैं. इनकी मरम्मत की तत्काल जरूरत है. वहीं जिस कंपनी ने पूरे राज्य में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम किया है, वो इसे समय से ठीक नहीं कर रही है.
इसी समस्या को लेकर उपमुख्यमंत्री सह नगर विकास व आवास विभाग के मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने निकायों के साथ बैठक कर समस्या के समाधान कराने की बात कही है. उन्होंने इसके लिए अलग से बैठक बुलाने के निर्देश दिये हैं.
दरअसल, पूरे राज्य के निकायों में इनर्जी इफेंसियेंसी सर्विस लिमिटेड (इइएसएल)की ओर से स्ट्रीट लाइट लगाने का काम किया जा रहा है. इसके लिए कंपनी ने जून 2017 में ही नगर विकास व आवास विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया था.
कंपनी को दो वर्षों में सभी 142 निकायों में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम पूरा करना था, लेकिन अब तक आयी रिपोर्ट के अनुसार इइएसएल ने अभी तक मात्र 70 निकायों में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम पूरा किया गया है, जबकि 20 निकायों में स्ट्रीट लाइट लगाने का काम चल रहा है. शेष कई निकायों में काम तक शुरू नहीं किया गया है.
निकायों में लगातार खराब हो रही स्ट्रीट लाइट और कंपनी की ओर से स्ट्रीट लाइट की मरम्मती नहीं होने की शिकायतें आ रही हैं. कंपनी की ओर से स्ट्रीट लाइट की समय पर मरम्मत नहीं की जा रही है.
कंपनी व विभाग की ओर से एग्रीमेंट के अनुसार अगर 72 घंटे में खराब स्ट्रीट लाइट की मरम्मती नहीं होती है, तो कंपनी पर 25 रुपये प्रति दिन के हिसाब से जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है.
सभी नगर निकायों में अक्तूबर तक स्ट्रीट लाइट लगाने का काम फाइनल करने के निर्देश दिये गये थे. जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है.
Posted by Ashish Jha