Tirhut Graduate Bypoll: जनसुराज ने उतारा प्रत्याशी, डॉ. विनायक गौतम को टिकट मिलने से बदला समीकरण

Tirhut Graduate Bypoll: तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र उपचुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी ने डॉ. विनायक गौतम को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. डॉ. गौतम के चुनावी मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है.

By Aniket Kumar | November 16, 2024 11:28 AM

Tirhut Graduate Bypoll: तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र उपचुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने भी अपना प्रत्याशी उतार दिया है. शहर के एक होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में पार्टी पदाधिकारियों ने चर्चित चिकित्सक और पूर्व एमएलसी रामकुमार सिंह के बेटे डॉ. विनायक गौतम को पार्टी का उम्मीदवार बनाने की घोषणा की. बता दें, तिरहुत स्नातक उपचुनाव में जन सुराज के उम्मीदवार विनायक गौतम का मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों से होगा. गौरतलब है कि डॉ. विनायक गौतम इससे पहले निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव में उतर चुके हैं. वह क्षेत्र के मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर जिलों में सक्रिय प्रचार-प्रसार कर चुके हैं. अब जन सुराज की तरफ से टिकट मिलने के बाद चुनावी समीकरण में बदलाव की संभावना जताई जा रही है. 

NDA और महागठबंधन के लिए चुनौती

तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में NDA और महागठबंधन के प्रत्याशी पहले से ही आमने सामने हैं. JDU ने NDA की तरफ से प्रवक्ता अभिषेक झा को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि महागठबंधन ने RJD के गोपी किशन पर भरोसा जताया है. अब जन सुराज के मैदान में उतरने से यह मुकाबला त्रिकोणीय होता दिख रहा है. 

विनायक गौतम ने किया समाज सेवा का वादा

जन सुराज के उम्मीदवार डॉ. विनायक गौतम ने नामांकन की घोषणा के दौरान कहा कि मैं राजनीति करने नहीं, समाज सेवा के लिए आया हूं. अगर जनता का विश्वास जीतता हूं, तो मैं अपना वेतन और सरकारी सुविधाएं नहीं लूंगा. मेरा उद्देश्य धनबल पर नहीं, जनबल पर चुनाव लड़ना है. उन्होंने जनता से अपील की कि वह उपचुनाव में उनको समर्थन देकर एक नई शुरुआत का हिस्सा बने. 

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15 से अधिक उम्मीदवार मैदान में

बता दें, इस बार तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में करीब 15 से अधिक उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. जन सुराज की इंट्री के बाद यह चुनाव और भी दिलचस्प हो गया है. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो डॉ. विनायक गौतम की सामाजिक छवि और उनकी स्पष्ट घोषणाएं उन्हें एक अलग पहचान दे सकती हैं. उनके द्वारा समाज सेवा और पारदर्शिता पर जोर देने से स्नातक मतदाताओं पर प्रभाव पड़ने की संभावना है.

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