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TMBU: एक माह बाद भी शिक्षा मंत्री को ग्रेस अंक की नहीं भेजी गयी रिपोर्ट, 354 फेल छात्र हो गये थे पास

Bhagalpur News: टीएमबीयू में हुई पैट परीक्षा 2021 के रिजल्ट में 16 ग्रेस अंक देकर पास करने के मामले में शिक्षा मंत्री को विवि से अबतक जवाब नहीं भेजा जा सका है. ऐसे में चर्चा है कि विवि प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास तो नहीं कर रहा है.

भागलपुर: टीएमबीयू में हुई पैट परीक्षा 2021 के रिजल्ट में 16 ग्रेस अंक देकर पास करने के मामले में शिक्षा मंत्री को विवि से अबतक जवाब नहीं भेजा जा सका है. सितंबर के पहले सप्ताह में ही शिक्षा मंत्री ने विवि के कुलपति प्रो. जवाहर लाल से फोन से बात कर 16 ग्रेस अंक देने के मामले में रिपोर्ट मांगी थी. इसे लेकर कुलपति ने एक्शन लेने व हाइ लेवल से जांच कराने की बात कही थी. विवि प्रशासन ने परीक्षा बोर्ड के सभी सदस्यों को शोकॉज भी किया था. कुछ सदस्य को छोड़ कर अन्य सदस्य का जवाब तक विवि को नहीं मिला है.

ऐसे में चर्चा है कि विवि प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास तो नहीं कर रहा है. विवि प्रशासन पर भी अब सवाल उठने लगे हैं. कुलपति ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि नियम-परिनियम के विपरीत जाकर 16 ग्रेस अंक देने का कोई प्रावधान नहीं है. राजभवन से ऐसा कोई रेगुलेशन नहीं है. पैट परीक्षा ऑल इंडिया बेस पर होता है.

354 फेल छात्र हो गये थे पास

विवि के अधिकारी ने कहा कि 354 छात्र 16 ग्रेस अंक मिलने से पास हो गये थे. जिन छात्र-छात्राओं को 95 व 96 अंक आये थे वह मेरिट लिस्ट से बाहर हो गये थे. 84 अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को 16 ग्रेस अंक मिलने से मैथोडोलॉजी कोर्स के लिए चयनित हो गये. उन छात्रों का अब क्लास भी पूरा होने वाला है.

छात्रा ने विवि से लगायी न्याय की गुहार

छात्रा प्रतिमा कुमारी ने कुलपति को आवेदन देकर पैट परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया है. छात्रा ने विवि प्रशासन से न्याय की गुहार लगायी है. छात्रा ने बताया कि आरक्षण कोटा में आते हैं. उसे 95 अंक प्राप्त हुआ है. राजनीति विज्ञान की छात्रा है, लेकिन परीक्षा बोर्ड द्वारा 16 ग्रेस अंक देने से उनका मेरिट में नाम नहीं आया.

निगरानी विभाग भी मामले में विवि से मांगी है रिपोर्ट

पैट परीक्षा में 16 ग्रेस अंक देने के मामले में निगरानी विभाग ने भी विवि से जांच कर रिपोर्ट मांगी है. निगरानी विभाग ने राजभवन को पत्र लिखकर जांच कराने का आग्रह किया था. राजभवन से जुलाई में ही विवि को भेजे गये पत्र में 15 दिन में रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन विवि प्रशासन राजभवन को रिपोर्ट नहीं भेज पाया है.

सिंडिकेट व सीनेट सदस्यों की विवि गतिविधि पर पैनी नजर : सीनेटर

सीनेट सदस्य डॉ मृत्युंजय सिंह गंगा ने कहा कि विवि की तमाम गतिविधियों पर सिंडिकेट व सीनेट के सक्रिय सदस्यों की नजर है. खास कर ऐसे मामले जिनका जुड़ाव छात्रों से रहता है. कुलपति से मांग करते है कि त्वरित गति से मामले का निष्पादन किया जाये. कुलपति ने नियुक्ति के दौरान मामले को गंभीरता से लिया, लेकिन उसे अंजाम तक नहीं पहुंचा रहे हैं. पैट परीक्षा के रिजल्ट में 16 ग्रेस अंक देने का कहीं से कोई प्रावधान नहीं है.

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