Bhagalpur news: TMBU में समय की धारा के साथ पांच VC बदले, छात्रों को आज तक नहीं मिल सका डिजिटल डिग्री

Bhagalpur news: यूजीसी का निर्देश जारी हुए तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं. टीएमबीयू से छात्रों को डिजिटल फॉमेंट में मार्क्सशीट व डिग्री उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. विवि में पांच कुलपति से ज्यादा बदल चुके हैं. लेकिन इस दिशा में ठोस पहल नहीं की गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | September 19, 2022 9:29 AM

भागलपुर: यूजीसी का निर्देश जारी हुए तीन साल से ज्यादा हो चुके हैं. टीएमबीयू से छात्रों को डिजिटल फॉमेंट में मार्क्सशीट व डिग्री उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. विवि में पांच कुलपति से ज्यादा बदल चुके हैं. लेकिन इस दिशा में ठोस पहल नहीं की गयी. यूजीसी ने चार साल पूर्व में टीएमबीयू सहित सूबे के सभी विवि को निर्देश जारी कर स्टूडेंट्स के सर्टिफिकेट व मार्कशीट को ऑनलाइन स्टोरेज रखने के लिए कहा था. इसके लिए सभी यूनिवर्सिटी को स्टूडेंट्स के सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपलोड करने थे. नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी (एनएडी) पर अपलोड करना था. मामले में कुलपति प्रो जवाहर लाल से बात करना चाहा. मोबाइल पर घंटी बजी, लेकिन बात नहीं हो पायी.

छात्रों को शैक्षणिक दस्तावेज लेने विवि के लगाना पड़ता चक्कर

छात्रों को शैक्षणिक दस्तावेज लेने के लिए विवि का चक्कर लगाना पड़ रहा है. जबकि विवि के अधिकारी का दावा था कि जल्द ही विवि से छात्रों को डिजिटल फॉमेंट में डिग्री व अंकपत्र उपलब्ध कराया जायेगा. उल्लेखनीय है कि यूनिवर्सिटी एनएडी से रजिस्ट्रेशन कराने पर ही यूनिवर्सिटी व अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स की डिग्रियां, डिप्लोमा व सर्टिफिकेट डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमेशा उपलब्ध होते है. स्टूडेंट्स जब चाहे पोर्टल पर जाकर अपने दस्तावेज को डाउनलोड कर सकेंगे.

एनएडी से होने वाले फायदे

नेशनल एकेडमिक डिपोजटॉरी से देश के सभी विवि को एक साथ जोड़ा जायेगा. मार्कशीट, डिग्री, प्रोविजनल सर्टिफिकेट को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जायेगा. इस पर मार्कशीट और डिग्री डिजिटल फार्मेट में उपलब्ध रहेंगी. मार्कशीट व डिग्री को संबंधित छात्र के आधार से जोड़े जायेंगे. छात्रों को डिजिटल लॉकर की सुविधा दी जायेगी. ताकि की कोई संस्था ऑनलाइन उन दस्तावेजों का सत्यापन करा सकेगी. छात्र कहीं से भी इसका प्रिंटआउट निकाल सकेंगे. सारा डाटा डिजिटल फार्मेट में अपलोड किया जायेगा.

आधार नंबर से करना होगा रजिस्ट्रेशन

विवि के पूर्व अधिकारी ने बताया कि एनएडी पर अबतक 152 से अधिक यूनिवर्सिटी व शिक्षण संस्थान रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं. लेकिन बिहार से केवल दो शिक्षण संस्थान ही अब तक इससे जुड़ पाये हैं. इसमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार और एनआइटी पटना शामिल है. उन दोनों शिक्षण संस्थानों के स्टूडेंट्स कहीं से भी अपना कागजात रजिस्ट्रेशन कराकर डाउनलोड कर सकते हैं. वैसे इस वेबसाइट पर कोई भी अपने स्तर पर रजिस्ट्रेशन कर दस्तावेज अपलोड कर सकता हैैं. इसके लिए आपको आधार नंबर से रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिसके बाद आपको ओटीपी मिलेगा. ओटीपी से वेरिफिकेशन होने के बाद यूजर आइडी व पासवर्ड मिलेगा. इसके बाद एनरॉलमेंट हो जायेगा. इसके बाद दस्तावेज अपलोड किये जा सकेंगे.

मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल

नेशनल एकेडमिक डिपोजिटरी एनएडी मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल है. जहां अकादमिक संस्थानों की ओर से जारी शैक्षणिक पुरस्कारों के डिजिटलीकरण, स्टोरेज व सत्यापन की सुविधा मिलेगी. डिजिटल इंडिया के तहत दस्तावेजों के डिजिटल रिकॉर्ड्स रखने में सहायता होगी. एनएडी दस्तावेजों को वेरिफिकेशन करेगा. इससे दस्तावेजों के ऑथेंटिफिकेशन भी हो सकेगा. दस्तावेजों के खो जाने व फटने का डर भी नहीं रहेगा.

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