भागलपुर. टीएमबीयू के कॉलेजों को यूजीसी से मिले फंड का हिसाब व उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं कराने पर कोर्ट का तेवर सख्त है. हाइकोर्ट ने एक सप्ताह में हिसाब समेत उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराने का आदेश दिया है. ऐसा नहीं करने पर टीएमबीयू के कुलपति का वेतन रुक सकता है. साथ ही उन कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की कार्रवाई की जा सकती है. यूजीसी के मामले में 18 अगस्त को चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस एस कुमार की बेंच ने सुनवाई के बाद आदेश दिया है.
टीएमबीयू के वकील ने कोर्ट को बताया कि उन 13 कॉलेजों की पहचान हो चुकी है, जो अब तक उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं कराया है. यह कॉलेजों तीन सप्ताह में उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा नहीं कराते हैं, तो उनकी मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया की जायेगी. इस पर बेंच ने विवि के लिए आदेश कर एक सप्ताह में उपयोगिता प्रमाणपत्र जमा कराने को कहा है.
कोर्ट ने आदेश दिया कि ऐसा नहीं होने पर कुलपति के वेतन जारी होने से रोक दिया जायेगा. कोर्ट ने टीएमबीयू सहित सूबे के 11 विवि के लिए 10 पन्नों में अलग-अलग आदेश दिया है. अगली सुनवाई के लिए आठ सितंबर की तिथि तय की गयी है. वहीं, टीएमबीयू के रजिस्ट्रार डॉ गिरिजेश नंदन कुमार ने कहा कि विवि स्तर पर उपयाेगिता प्रमाणपत्र को लेकर लगभग तैयारी पूरी कर ली गयी है. 23 अगस्त को ऑडिट होना है. 26 अगस्त को पटना विवि में यूजीसी के अधिकारियों के साथ सभी कॉलेजों के प्राचार्यों की बैठक होगी.