Bhagalpur News: TMBU को 235 गुरुजी की जरूरत, गेस्ट टीचर के भरोसे छात्रों का भविष्य

TMBU: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है. इसका असर शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 27, 2022 6:21 AM

आरफीन, भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी है. इसका असर शिक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है. आंकड़ों पर गौर करें, तो वर्तमान में 235 शिक्षकों की जरूरत है, लेकिन शिक्षक नियुक्ति की बात आती है, तो विवि सेवा आयोग व बीपीएससी से कभी पांच कभी 10 शिक्षक मिलते हैं. जानकारों का कहना है कि शिक्षक नहीं रहने के कारण छात्रों की संख्या में कमी आ रही है. विवि के एक पूर्व अधिकारी ने कहा कि स्नातक में छात्रों की नामांकन की संख्या बढ़ती जा रही है. सत्र 2022-25 में 43 हजार से अधिक छात्रों का नामांकन लिया गया है. पिछले सत्र की तुलना में इस बार करीब चार हजार छात्रों की संख्या बढ़ी है. जबकि स्नातक में कुल सीट 88 हजार है.

नामांकन ज्यादा, शिक्षक कम

सरकार ने कुछ विषय में 20 फीसदी सीट का इजाफा किया है. पूर्व डीएसडब्ल्यू प्रो राम प्रवेश सिंह ने कहा कि विवि प्रशासन से मंजूरी के बाद 20 फीसदी बढ़ी हुई सीट पर भी नामांकन लिया गया है.

कॉलेजवाइज शिक्षकों की संख्या एक नजर में –

नाम ————————वर्तमान में शिक्षकों की संख्या————             शिक्षकों की स्वीकृत संख्या

  • टीएनबी कॉलेज –  44 ,   79

  • एसएम कॉलेज —– 46  , 88                                 

  • मारवाड़ी कॉलेज -39, 61   

  • जीबी कॉलेज – 11, 31   

  • जेपी कॉलेज- 14, 21  

  • मुरारका कॉलेज – 17, 33        

  • पीबीएस कॉलेज -12, 27        

  • एसएसवी कॉलेज -14, 38   

  • बीएन कॉलेज   -15, 35   

  • टीएनबी लॉ कॉलेज 15, 20      

  • सबौर कॉलेज – 23, 49                      

  • मदन अहिल्या महिला कॉलेज- 32 , 35 

विवि से प्राप्त जानकारी के अनुसार –

स्नातक सत्र 2022-25 :

पार्ट वन में नामांकन – 43, 819

कुल सीट – 88 हजार

पीजी सत्र 2021-23

सेमेस्टर वन में नामांकन – 2048

कुल सीट – कुल 2500 सीट

फिजिक्स, गणित, उर्दू में नहीं है शिक्षक

बीएन कॉलेज में फिजिक्स, गणित, उर्दू सहित दो अन्य विषय में भी शिक्षक नहीं है. इसके अलावा बॉटनी विषय में भी रेगुलर शिक्षक नहीं है. गेस्ट शिक्षक के सहारे ही चल रहा है. कॉलेज प्राचार्य डॉ नीलू कुमारी ने बताया कि जिस विषय में शिक्षक नहीं है. उस क्लास के संचालन में काफी दिक्कत आती है.

पीजी हिंदी विभाग दो शिक्षक के सहारे

पीजी हिंदी विभाग में दो नियमित शिक्षक के सहारे पठन-पाठन कार्य संचालित किया जा रहा है. विभागाध्यक्ष प्रो योगेंद्र ने कहा कि विभाग में कुल सात रेगुलर शिक्षक के जरूरत हैं. पांच जेआरएस छात्रों के भरोसे कुछ क्लास लिए जा रहे हैं. बता दें कि हिंदी विभाग में सेमेस्टर वन में एक सौ छात्रों ने नये सत्र के तहत नामांकन कराया है.

जूलॉजी व फिजिक्स गेस्ट शिक्षक के सहारे

मारवाड़ी कॉलेज में जूलॉजी व फिजिक्स विषय में नियमित शिक्षक नहीं हैं. गेस्ट शिक्षक के सहारे दोनों विषय की पढ़ाई करायी जाती है. प्राचार्य डॉ केसी झा ने बताया कि बॉटनी विषय की पढ़ाई भी एक रेगुलर व एक गेस्ट शिक्षक के सहारे कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि फिजिक्स विषय के शिक्षक रहे डॉ केएम सिंह रिटायर हो चुके हैं. जबकि दूसरे शिक्षक डॉ दीपो महतो इंजीनियरिंग कॉलेज में शिक्षक पद पर योगदान दिया है. ऐसे में विभाग में नियमित शिक्षक नहीं हैं.

समाजशास्त्र व संगीत में नियमित शिक्षक नहीं

एसएम कॉलेज में समाजशास्त्र व संगीत विषय में नियमित शिक्षक नहीं है. प्राचार्य प्रो रमन सिन्हा ने कहा कि दोनों विषय की पढ़ाई गेस्ट शिक्षक के भरोसे संचालित किया जा रहा है. उर्दू विषय में भी नियमित शिक्षक भी सेवानिवृत्त हो जायेंगे. इस विषय की भी पढ़ाई गेस्ट शिक्षक के सहारे संचालित होंगे.

सरकार को शिक्षक देना है – पूर्व सीसीडीसी

विवि के पूर्व सीसीडीसी डॉ केएम सिंह ने कहा कि जिन विषयों में शिक्षक नहीं है. ऐसे विषयों में सरकार की तरफ से ही शिक्षक मिलना है. सरकार को चाहिए कि शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाये. स्नातक स्तर पर नामांकित छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि मानक के अनुसार 40 छात्र पर एक शिक्षक का अनुपात है. लेकिन कॉलेजों में देखा जाये, तो शिक्षक की कमी के कारण एक सौ से अधिक छात्र पर एक शिक्षक हैं.

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