भागलपुर: पीएचडी एडमिशन टेस्ट (पैट) में 16 ग्रेस अंक देने के मामले में विवि प्रशासन सख्त कार्रवाई कर सकता है. विवि प्रशासन को मिली अबतक की जानकारी में एक वरीय व कुछ अन्य अधिकारियों की भूमिका सामने आ रही है. उन अधिकारियों ने एक अन्य अधिकारी के दबाव में उनके रिश्तेदार काे पास कराने के लिए परीक्षा बोर्ड की बैठक में आनन-फानन में निर्णय लिया गया है. बोर्ड के सदस्य ने दो पेपर में आठ-आठ अंक यानी कुल 16 ग्रेस अंक देने की अनुमति प्रदान की थी. जबकि पैट परीक्षा में 16 ग्रेस अंक देने का कोई नियम व प्रावधान नहीं है. मामले में वीसी प्रो जवाहर लाल को जानकारी मिलने पर संबंधित कमेटी के सदस्यों को शो कॉज किया था. लेकिन बोर्ड के कुछ सदस्य अबतक शोकॉज का जवाब विवि प्रशासन को नहीं दिया है.
कुलपति प्रो लाल ने मामले में कहा कि कमेटी के सभी सदस्य ने शो कॉज का जवाब नहीं देते हैं, तो पूरी कमेटी पर एक्शन लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रार से पूछने पर बताया है कि कमेटी के कुछ सदस्य ने जबाव दिया है. लेकिन कुछ ने नहीं दिया है.
मामले को लेकर जांच कमेटी बनी थी. जांच शुरू होने से पहले ही दो सदस्य ने जांच कमेटी से अपना नाम वापस ले लिया था. फिर कमेटी में दो लोगों के नाम का संशोधन किया गया. फिर एक सदस्य ने कमेटी से नाम वापस ले लिया. ऐसे में जांच की प्रक्रिया दो माह से ज्यादा समय से सिर्फ फाइल पर ही चल रहा है.
कमेटी पर फेल छात्र को 16 ग्रेस अंक देकर पास करने का आरोप लगा है. कमेटी की बैठक वरीय अधिकारी की अध्यक्षता में कुछ अन्य अधिकारियों ने ग्रेस अंक देने का निर्णय लिया था. विवि में चर्चा थी कि एक अधिकारी के रिश्तेदार को पास करने के लिए 16 ग्रेस अंक दिया गया. जबकि वह छात्र पैट परीक्षा में फेल था. सवाल उठने लगा था कि 16 ग्रेस अंक ही क्यों दिया गया.
पीजी की छात्रा प्रतिमा कुमारी ने पैट परीक्षा के रिजल्ट में धांधली का आरोप लगाया है. छात्रा ने कहा कि पैट रिजल्ट आया था. वो पास थी. लेकिन 16 ग्रेस अंक देने से फेल छात्र पास कर गये. उनका नामांकन मैथोडोलॉजी कोर्स में हो गया. छात्रों ने कहा कि मामले में उन्हें न्याय नहीं मिलता है. जल्द ही सीएम के जनता दरबार व शिक्षा मंत्री से मिलकर पूरे मामले को रखेंगे.