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TMBU के VC ने सेंट्रल लाइब्रेरी का किया निरीक्षण, बोले- ‘छात्रों को ठगना एक क्राइम’

TMBU के कुलपति जब निरीक्षण के दौरान निदेशक डॉ. आनंद कुमार झा से पूछा कि बीलिस व एमलिस कोर्स की कक्षा कौन लेते हैं. निदेशक ने जिन लोगों का नाम बताया. वे लोग सेंट्रल लाइब्रेरी के सहायक थे. वीसी ने कहा- हमलाग छात्रों को ठग रहे हैं, यह तो उनके भविष्य के साथ क्राइम है.

भागलपुर: टीएमबीयू को नैक मूल्यांकन से लाइब्रेरी में बढ़िया अंक मिलने की कवायद शुरू कर दी गयी है. गुरुवार को कुलपति प्रो जवाहर लाल ने विवि सेंट्रल लाइब्रेरी का निरीक्षण किया. यहां की बदहाली देख भड़क गये. एक दिन पहले छात्रों ने लाइब्रेरी की समस्या को लेकर कुलपति से मिल कर लिखित शिकायत की थी. कुलपति लौटते वक्त कर्मचारियों से कहा कि लाइब्रेरी बदहाल है. स्थिति में सुधार नहीं होने पर कार्रवाई होगी.

लाइब्रेरी को अत्याधुनिक बनाया जायेगा

कुलपति ने कहा कि उनकी योजना है कि लाइब्रेरी को अत्याधुनिक बनाया जायेगा. 24 घंटे तक लाइब्रेरी खुले रहेंगे. तीन शिफ्ट में कर्मचारियों को लगाया जायेगा. सबसे जरूरी है कि लाइब्रेरी का ऑटोमेशन कराना है. इसे लेकर जल्द ही कमेटी बनाकर काम शुरू किया जायेगा. निरीक्षण के दौरान प्रोवीसी प्रो रमेश कुमार, डीएसडब्ल्यू प्रो राम प्रवेश सिंह, रजिस्ट्रार डॉ गिरिजेश नंदन कुमार, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, इंजीनियर संजय यादव, पंकज कुमार आदि मौजूद थे.

कुलपति बोले-, छात्रों को ठगे रहे हैं, ये तो क्राइम है

कुलपति जब निरीक्षण के दौरान निदेशक डॉ. आनंद कुमार झा से पूछा कि बीलिस व एमलिस कोर्स की कक्षा कौन लेते हैं. निदेशक ने जिन लोगों का नाम बताया. वे लोग सेंट्रल लाइब्रेरी के सहायक थे. वीसी ने कहा- हमलाग छात्रों को ठग रहे हैं, यह तो उनके भविष्य के साथ क्राइम है. निदेशक ने बताया कि लाइब्रेरी से रिटायर हो चुके दो और लोग भी कक्षा लेते हैं. निदेशक से जब वीसी ने इसे लेकर पूछताछ करने लगे कि यह सब कैसे हो रहा है. निदेशक ने कहा कि पूर्व से ही यह परिपाटी चली आ रही है.

मौके से कुलपति ने उन दोनों सहायक को सामने बुलाया, पूछा की आपलोग कक्षा लेते हैं. उन से कुछ सवाल पूछा, तो एक का जवाब छोड़ शेष का जवाब नहीं दे पा रहे थे. वीसी ने नाराजगी जाहिर की. उन्होंने निदेशक से कहा कि क्लास लेने वालों की सूची तैयार कर उनके कार्यालय में अविलंब जमा कराये. ताकि उनलोगों को इंटरव्यू लिया जायेगा. इसमें सफल होने पर क्लास लेंगे, नहीं तो क्लास लेना बंद करेंगे.

वीसी ने कर्मचारियों से की पूछताछ

वीसी ने निरीक्षण के दौरान सबसे पहले काउंटर पर पहुंचे. कर्मचारियों से नाम, काम व पद पूछा. सभी कर्मचारियों ने खुद को सहायक बता रहे थे. हाजिरी रजिस्टर को देखा. इसमें पदनाम नहीं लिखे थे. कर्मचारियों से काम के बंटवारे को लेकर कुलपति ने पूछताछ की, तो स्पष्ट नहीं बता पा रहे थे. निदेशक से पूछा गया कि लाइब्रेरियन है. बताया गया कि लाइब्रेरियन नहीं है. कुलपति ने कहा कि शिक्षक समेत लाइब्रेरियन की बहाली की जायेगी.

चाबी नहीं मिली, नहीं देख पाये थीसिस

लाइब्रेरी के प्रथम मंजिला पर एक कमरा में थीसिस रखा है. उस कमरा में लगा ताला का चाबी कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा था. ऐसे में कुलपति उस कमरा का निरीक्षण नहीं कर पाये. इसके बाद शोध कक्ष देखने पहुंचे, तो कमरा में रखा टेबुल-कुर्सी पर धूल का मोटा परत जमा था. इसे देख कुलपति भड़क गये. कमरा की साफ-सफाई कराने का निर्देश दिया.

2016 में खरीदी गयी किताबों बंडल में बंधी मिली

कुलपति शोध की नकल की जांच वाले कमरा में गये, तो देखा की दो टेबुल पर नयी किताबें बंधी हुई मिली. किताबों को देख पूछा कि ये यहां क्यों रखा है. इसकी खरीदी कब की गयी थी. निदेशक ने बताया कि 2016 में किताबें की खरीदी हुई थी. कुछ तकनीकी कारणों से लाइब्रेरी के रैक में नहीं सजाया गया है. इसे लेकर कुलपति नाराजगी जाहिर की. संबंधित कर्मी काे सस्पेंड करने के लिए कहा. लेकिन बाद में एक मौका देते हुए कहा कि चार दिन के अंदर रैक पर सजा दें.

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