शिक्षा विभाग की बैठक में भारी बवाल, टीएमबीयू के कुलपति और कुलसचिव उलझे, रजिस्टार गिरिजेश नंदन हुए सस्पेंड

तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के कुलपति प्रो जवाहर लाल और कुल सचिव गिरिजेश नंदन कुमार एक विशेष मसले पर आपस में उलझ गये. तीखी नोक-झोक हुई. इसके बाद टीएमबीयू के कुलपति जवाहर लाल ने कुल सचिव नंदन को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिये.

By Prabhat Khabar News Desk | January 8, 2024 11:59 PM

पटना. उच्च शिक्षा से जुड़े विभिन्न मसलों पर विश्वविद्यालयों के शीर्ष पदाधिकारियों की सोमवार को बुलायी बैठक में तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के कुलपति प्रो जवाहर लाल और कुल सचिव गिरिजेश नंदन कुमार एक विशेष मसले पर आपस में उलझ गये. तीखी नोक-झोक हुई. इसके बाद सारे विश्वविद्यालयों के कुलपति मीटिंग से उठ कर चले गये. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव मौजूद रहे. टीएमबीयू के कुलपति जवाहर लाल ने कुल सचिव नंदन को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिये.

सारे कुलपति सीधे चांसलर से मिलने राजभवन जा पहुंचे

बैठक से निकलकर सारे कुलपति सीधे चांसलर से मिलने राजभवन जा पहुंचे. हालांकि चांसलर से उन लोगों की मुलाकात नहीं हो सकी. संभवत: मंगलवार को सभी कुलपति राजभवन पहुंच कर राज्यपाल सह कुलाधिपति से मुलाकात करेंगे. दरअसल इस मामले की शुरुआत मीटिंग की शुरू में ही हो गयी. टीएमबीयू के कुलपति जवाहर लाल ने शिक्षा सचिव के समक्ष अतिथि शिक्षकों पदों की नियुक्ति एवं उसके लिए रोस्टर के मसले पर प्रकाश डाला. कहा कि इसकी फाइल कुल सचिव के पास है. वह रोके हुए हैं. इस पर कुल सचिव गिरिजेश ने प्रतिवाद किया. कहा कि फाइल मेरे कार्यालय में नहीं , कुल प्रति कार्यालय में भेज दी गयी है.

शिक्षा सचिव की हर कोशिश रही नाकाम

मामला तूल पकड़ता गया. जब इस संदर्भ में शिक्षा सचिव यादव ने हस्तक्षेप कर मामला शांत कराने की कोशिश की गयी. वीर कुंवर सिंह, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय और दूसरे विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इस मामले को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन कुल सचिव अपनी बात कहते रहे.सूत्रों के मुताबिक कुल सचिव ने यह भी कहा कि दूसरे विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों को नहीं बोलना चाहिए.

कुलपतियों ने बताया सामूहिक अपमान

राजभवन में सभी कुलपतियों ने कुल सचिव के रवैये को सामूहिक तौर पर अपमान बताते हुए मीटिंग से उठ कर सीधे राजभवन पहुंच गये. सूत्रों के मुताबिक केवल केएसडीएस विवि के कुलपति जरूर कुछ समय तक वहां बैठे रहे. इस बीच शिक्षा सचिव ने कुल सचिव नंदन को मीटिंग से बाहर कर दिया. हालांकि मीटिंग के दूसरे सत्र में उन्हें बुलाया गया.

शिक्षकों के समायोजन का निर्देश

शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी विश्वविद्यालय के कुल सचिवों और अन्य पदाधिकारियों के साथ बैठक करके निर्देश जारी किये हैं कि शिक्षकों का रेशनलाईजेशन कीजिए. किसी कॉलेज में जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं, वहीं अधीनस्थ किसी दूसरे कॉलेज से शिक्षक को भेजा जाये. यह सुनिश्चित किया जाये कि सभी कॉलेजों में हर विषय के शिक्षक पहुंचे और विद्यार्थियों को पढ़ाएं.

विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में साफ-सफाई का अभाव

शिक्षा विभाग ने इसके साथ ही विश्वविद्यालय और कॉलेज परिसर बेहतर साफ-सफाई रखने का भी विभाग ने निर्देश दिये हैं. विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि आंतरिक स्रोत से होने वाली आय की राशि का उपयोग कर सफाई की दुरुस्त व्यवस्था बनायें. निरीक्षण के दौरान यह विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में साफ-सफाई का अभाव है. वहीं, हर शिक्षक प्रतिदिन पांच कक्षा अवश्य लें, इसे सुनिश्चित करने का निर्देश भी विभाग ने दिया है. सप्ताह में तीन कॉलेजों का निरीक्षण हर हाल में करने के निर्देश भी विश्वविद्यालय को दिये गए हैं. गूगल शीट को नियमित रूप से भरने को भी कहा गया है. यह बैठक देर शाम तक चली है.

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क्या बोले कुलसचिव

टीएमबीयू के कुलसचिव गिरिजेश नंदन कुमार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैंने अपनी बात तार्किक ढंग से कही. मेरी बातों से असहमत होकर कुलपति चले गये. शिक्षा सचिव ने मुझे भी मीटिंग से बाहर कर दिया. हालांकि बाद में मुझे बुला लिया गया. दरअसल मामला यह है कि दो दिन पहले कुलपति के आवास पर एक बैठक बुलायी गयी. मुझसे अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के संदर्भ में फाइल आगे बढ़ाने और साढ़े सात लाख कॉपी खरीदी का पेमेंट करने को कहा गया. मैंने कहा कि बिना जांच के मैं कॉपी का भुगतान नहीं कर सकता हूं. अतिथि शिक्षकों की फाइल भी मैं कुलपति कार्यालय जरूरी टीप के साथ भेज चुका हूं.

क्या बोले कुलपति

टीएमबीयू के कुलपति प्रो जवाहर लाल ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि विभिन्न मुद्दों पर मीटिंग चल रही थी. इस दौरान गेस्ट फैकल्टी के संदर्भ में कुल सचिव ने अतार्किक ढंग से अपनी बात कहना शुरू किया. शिक्षा सचिव और दूसरे विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया,लेकिन वह पूरी तरह अनुशासनहीनता कर रहे थे. लिहाजा मेरे समेत सभी कुलपति वहां से राजभवन चले गये. संभवत: मंगलवार को कुलाधिपति से मिलने का समय हम लोगों को मिल जायेगा. सभी कुलपतियों के साथ-साथ अनुशासनहीनता करने के मामले में कुल सचिव को निलंबित कर दिया है.

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