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बेटी की गोद भरने के लिए पिता ने गायब किया दूसरे का बच्चा, गिरफ्तार

एक बाप ने अपनी बड़ी बेटी की गोद भरने के लिए एक मां के 10 माह के लाल पंकज मल्लिक को गायब कर दिया. लेकिन, कोतवाली पुलिस की सक्रियता के कारण मासूम को तीन घंटे के अंदर दारोगा राय पथ इलाके से सकुशल बरामद कर लिया.

पटना. एक बाप ने अपनी बड़ी बेटी की गोद भरने के लिए एक मां के 10 माह के लाल पंकज मल्लिक को गायब कर दिया. लेकिन, कोतवाली पुलिस की सक्रियता के कारण मासूम को तीन घंटे के अंदर दारोगा राय पथ इलाके से सकुशल बरामद कर लिया. साथ ही आरोपित बाप यशपाल शर्मा व उसकी छोटी बेटी दिलखुश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया. ये दोनों शेखपुरा के खलीलचक गांव के रहने वाले हैं और पुनाईचक में बेटे के घर पर कुछ दिन पहले आये थे.

बच्चे की बरामदगी के बाद उसके पिता फगुनी मल्लिक व मां माला देवी ने कोतवाली थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह को धन्यवाद दिया है. गिरफ्तार यशपाल शर्मा कपड़ा व्यवसायी है. वह पुल निर्माण में ठेकेदारी भी करता है. उसकी बेटी दिलखुश शर्मा प्लस टू पासआउट छात्रा है. सिटी एसपी मध्य अंबरीश राहुल ने बताया कि बाप-बेटी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस मामले में जल्द ही चार्जशीट कर दी जायेगी.

बेटी की शादी के हो गये थे छह साल, नहीं हो रहा था बच्चा

पूछताछ में यशपाल शर्मा ने पुलिस को बताया कि मेरी बड़ी बेटी की शादी के छह साल हो गये. लेकिन, उसे बच्चा नहीं हो रहा था. इससे वह काफी दुखी थी. उसका दुख दूर करने के लिए ही उसने बेटी के साथ बच्चे को गायब करने की योजना बनायी. बाप-बेटी पर कोतवाली थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है और दोनों को मंगलवार को जेल भेज दिया जायेगा.

माता-पिता, चाचा व नानी के साथ आया था पटना

मासूम पंकज मल्लिक के पिता फगुनी मल्लिक का घर मधुबनी के झंझारपुर के अंधराठाड़ी में हैं. फगुनी मजदूरी का काम करते हैं. जानकारी के अनुसार, फगुनी मल्लिक, उनकी पत्नी माला देवी, बच्चे की नानी रूपो देवी व चाचा जितेंद्र मल्लिक आर ब्लॉक स्थित बैंक ऑफ इंडिया में सोमवार को पैसा जमा करने के लिए आये थे. वे लोग 11 बजे आर ब्लाॅक पहुंचे. इसके बाद फगुनी मल्लिक, उनकी पत्नी माला देवी व बच्चे की नानी रूपो देवी बैंक के अंदर चले गये और जितेंद्र मल्लिक अपने भतीजे पंकज मल्लिक के साथ बाहर में था.

इसी दौरान यशपाल शर्मा व उनकी बेटी दिलखुश शर्मा बाइक से वहां पहुंची. यशपाल शर्मा ने बाइक जितेंद्र के पास रोकी, तो दिलखुश शर्मा पास में जाकर बैठ गयी. यशपाल शर्मा कुरकुरे के दो पॉकेट लेकर आया. इस दौरान दिलखुश कुरकुरे खाने लगी और बच्चे को भी खिलाया. इसके बाद उसने जितेंद्र से दोस्ती कर ली और बच्चे को अपनी गोद में लेकर खेलाने लगी. इसी बीच दिलखुश ने अपने पिता यशपाल शर्मा से 10 रुपये लिये और चॉकलेट खिलाने के लिए बच्चे को ले गयी.

इस पर जितेंद्र ने उसे रोकने की कोशिश की. लेकिन, वह नहीं मानी. बच्चे को लेकर जब दिलखुश नहीं लौटी, तो यशपाल शर्मा भी अपनी बाइक को स्टार्ट कर वहां से निकलने लगा. लेकिन, जितेंद्र ने उसकी बाइक की हैंडिल पकड़ ली और आगे नहीं बढ़ने दिया. इस पर यशपाल शर्मा ने उसे घसीटने की कोशिश की, लेकिन फिर भी उसने हैंडिल को नहीं छोड़ा और हो-हल्ला मचा दिया. इस पर पुलिस की गश्ती टीम पहुंच गयी और यशपाल शर्मा को पकड़ लिया.

थानाध्यक्ष की सक्रियता के कारण तीन घंटे में बरामद हो गया मासूम

पुलिस को जब जितेंद्र ने सारी बातें बतायीं, तो तुरंत कोतवाली थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह को जानकारी दी गयी. थानाध्यक्ष दारोगा प्रवीर सिन्हा के साथ तुरंत आर ब्लॉक पहुंचे और खोजबीन शुरू कर दी गयी. इसी बीच पुलिस की गश्ती टीम को देख कर दिलखुश ने बच्चे को दारोगा राय पथ में एक कार के पास छोड़ दिया और भागने लगी. पर, पुलिस टीम ने मासूम को बरामद कर लिया और दिलखुश को हाइकोर्ट की ओर जाने वाले मार्ग में पकड़ लिया. पुलिस की सक्रियता से बच्चे को तीन घंटे में बरामद कर लिया गया.

Posted by Ashish Jha

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