24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना में लाइसेंस बचाने को 157 दुकानदारों ने लिया फार्मासिस्ट का डिप्लोमा, 1050 दवा दुकानदार कर रहे पढ़ाई

Patna News: फार्मेसी की पढ़ाई के लिए अधिकतम उम्र 45 साल है. जो रिटेलर दवा दुकानदार 45 साल तक के हैं, वह खुद डिग्री व डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं, जिन कारोबारियों की उम्र अधिक हो गयी है, वे अपने बेटे, बेटी, बहू, पत्नी या अपने रिश्तेदारों को फार्मेसी का कोर्स कराने में लगे हैं.

आनंद तिवारी/ पटना. दवा कारोबार में नया ट्रेंड सामने आया है. पटना जिले के दवा कारोबारी कारोबार करते-करते फार्मेसी की पढ़ाई पूरी कर रहे हैं, तो कुछ ने पढ़ाई पूरी कर सर्टिफिकेट भी हासिल कर लिया है. जिले के कई ऐसे दवा कारोबारी हैं, जो 45 साल की उम्र होने के बाद भी फार्मेसी की पढ़ाई कर रहे हैं, ताकि फार्मासिस्ट के लाइसेंस का झंझट ही खत्म हो सके. जिले में बीते चार-साल में कुल दवा दुकानदारों में करीब तीन प्रतिशत यानी 157 लोगों ने डी फार्मा की डिग्री ली है. यह जानकारी औषधि विभाग में दिये गये ड्रग लाइसेंस के रजिस्ट्रेशन के आवेदन की रिपोर्ट के बाद मिली है.

एक फार्मासिस्ट के सर्टिफिकेट पर एक दवा स्टोर चलाने का नियम

जानकारों के अनुसार एक फार्मासिस्ट की डिग्री-डिप्लोमा पर बस एक मेडिकल स्टोर चलाने का नियम है. यह नियम केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से 2017-18 में देश स्तर पर लागू किया जा चुका है. इस नियम के सख्ती लागू होने के बाद दवा कारोबार की सूरत बदलने लगी है. वहीं, आंकड़ों के अनुसार पटना जिले में कुल 5250 रिटेल दवा दुकानें हैं. इनमें 20% यानी करीब 1050 दवा कारोबारी डी फार्माव बी फार्मा कोर्स के लिए शहर के अलावा अलग-अलग प्रदेश के फार्मेसी कॉलेजों में नामांकन करा चुके हैं. अगले एक से दो साल में इनकी पढ़ाई पूरी हो जायेगी.

उम्र अधिक तो अपने परिजन को करा रहे पढ़ाई

फार्मेसी की पढ़ाई के लिए अधिकतम उम्र 45 साल है. जो रिटेलर दवा दुकानदार 45 साल तक के हैं, वह खुद डिग्री व डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं, जिन कारोबारियों की उम्र अधिक हो गयी है, वे अपने बेटे, बेटी, बहू, पत्नी या अपने रिश्तेदारों को फार्मेसी का कोर्स कराने में लगे हैं. बीते एक साल में पटना जिले में करीब 115 दवा कारोबारियों ने अपने रिश्तेदार, परिजन या खुद के नाम से लाइसेंस लेने के लिए औषधि विभाग में आवेदन दिया है. इनमें अधिकतर को लाइसेंस मिल गया है, बाकी लोगों के आवेदन की जांच चल रही है

Also Read: Patna News: जांच में 65 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं में मिली खून की कमी, जानें इसका इलाज और रोकथाम
दवा कारोबार का हब है पटना

पटना दवा कारोबार के हब के तौर पर विकसित है. वर्तमान में यहां बड़ी-बड़ी दवा कंपनियों के सीएफडी और स्टोर खुल रहे हैं. इनमें मल्टीनेशनल कंपनियां भी आयी हैं. दवा कंपनियों की पहली पसंद पटना, फिर मुजफ्फरपुर, दरभंगा और भागलपुर जिला है. प्रदेश की सबसे बड़ी दवा मंडी गोविंद मित्रा होने की वजह से यहां रोजगार का अवसर भी अधिक है. रिटेल के अलावा यहां थोक दवा का कारोबार भी प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में सबसे अधिक होता है.

क्या कहता है रिटेल एसोसिएशन

वर्षों तक दवा कारोबार करने के बाद फार्मेसी की पढ़ाई अब पटना जिले के लगभग सभी दवा कारोबारी कर रहे हैं. एसोसिएशन से जुड़े पदाधिकारी, सदस्य व अन्य दवा दुकानदार डी-फार्मा और बी-फार्मा का कोर्स कर रहे हैं. इनमें कुछ कारोबारी पंजाब, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के फार्मेसी कॉलेज से पढ़ाई भी पूरी कर चुके हैं. एसोसिएशन इसके लिए मुहिम भी चला रहा है कि अगर दवा कारोबार करना है, तो डी-फार्मा और बी-फार्मा जरूर कर लें.

-संतोष कुमार, बिहार रिटेल केमिस्ट फोरम के प्रदेश संयोजक.

एक दवा स्टोर में एक फार्मासिस्ट की डिग्री या डिप्लोमा के नियम के बाद खासकर दवा कारोबारियों में फार्मेसी की पढ़ाई के प्रति जागरूकता और बढ़ गयी है. अब वही दवा कारोबारी इस कारोबार में आ रहे हैं, जो फार्मासिस्ट हो गये हैं. यही वजह है कि अधिकतर कारोबारी भी कोर्स करने में लगे हैं.

-विश्वजीतदास गुप्ता, सहायक औषधि निरीक्षक.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें