बिहार में घूमने वाली 10 प्रसिद्ध और ऐतिहासिक जगहें…

Tourist Places in Bihar: उत्तर भारत का राज्य बिहार देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। बिहार, हिंदुओं, जैन और विशेषतः बौद्ध धर्म के लोगों के लिए धार्मिक केंद्र हुआ करता था। यह राज्य मौर्य और गुप्त के उदय और पतन का गवाह रहा है । यहां घूमने के लिए जो भी पर्यटक आते हैं उनमें दो धर्मों का मेल जरूर देखने को मिलता है साथ ही यहां की संस्कृति भी सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है।

By Abhinandan Pandey | June 11, 2024 10:06 AM
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Tourist Places in Bihar: जब भी हम इतिहास की बात करते हैं उसमें बिहार का नाम नहीं आए ऐसा हो नहीं सकता है। उत्तर भारत का राज्य बिहार देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। बिहार, हिंदुओं, जैन और विशेषतः बौद्ध धर्म के लोगों के लिए धार्मिक केंद्र हुआ करता था। यह राज्य मौर्य और गुप्त के उदय और पतन का गवाह रहा है ।

यहां घूमने के लिए जो भी पर्यटक आते हैं उनमें दो धर्मों का मेल जरूर देखने को मिलता है साथ ही यहां की संस्कृति भी सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। भगवान महावीर, जो एक महान जैन धर्म के प्रतिस्थापक थे, वे भी यहीं पैदा हुए थे और उन्हें निर्वाण भी यहीं प्राप्त हुआ था। बिहार राज्य, पश्चिम में उत्तर प्रदेश, उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल का उत्तरी भाग और दक्षिण में झारखंड की सीमाओं से लगा हुआ है। आज हम आपको बता रहे हैं बिहार के 10 खास ऐतिहासिक स्थलों के बारे में ।

रोहतास फोर्ट

रोहतासगढ़ दुर्ग या रोहतास फोर्ट, बिहार के रोहतास जिले में स्थित एक प्राचीन फोर्ट है। कहा जाता है कि इस किले का निर्माण अयोध्या के सूर्यवंशी राजा त्रिशंकु के पौत्र व राजा हरिश्चंद्र के पुत्र रोहिताश्व ने कराया था। इस ऐतिहासिक स्थल का भ्रमण करने के लिए देश-विदेश के पर्यटकों का तांता लगा रहता है.

नालंदा

शायद आपको मालूम हो, अगर नहीं मालूम है तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व का सबसे प्राचीन विश्वविद्यालय बिहार के नालंदा में हीं मौजूद है जिसे नालंदा विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है। यहां आज भी बौद्ध धर्म के लोग शिक्षा लेने के लिए आते हैं।

गया

गया फल्गु नदी के तट पर बसा बिहार राज्य का दूसरा बड़ा शहर है। वाराणसी की तरह गया की प्रसिद्धि मुख्य रूप से एक धार्मिक नगरी के रूप में है। पितृपक्ष के अवसर पर यहाँ हजारों श्रद्धालु पिंडदान के लिये आते हैं। कथानुसार भगवान विष्णु के पांव के निशान पर इस मंदिर का निर्माण कराया गया है। हिन्दू धर्म में इस मंदिर को विशेष स्थान है। गया पितृदान के लिए मुख्य रूप से प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां फल्गु नदी के तट पर पिंडदान करने से मृत व्यक्ति को बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है।

राजगीर

बिहार का राजगीर एक ऐसी जगह है जहां जैन और बौद्ध धर्म से संबंधित कई चीजें देखने को मिल जाएगी। यह स्थान जैन और बौद्ध धर्म के भक्तों के लिए बेहद ही खास है। इसी जगह पर भगवान बुद्ध और भगवान महावीर ने अपने जीवन का कुछ महत्वपुर्ण समय बिताया था।

वैशाली

वैशाली बिहार का एक छोटा जिला है लेकिन बौद्ध, जैन और हिन्दू धर्म से सम्बंधित अनुयायियों के लिए एक तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है। कहते हैं कि भगवान बुद्ध का इस धरती पर तीन बार आगमन हुआ। यह उनकी कर्म भूमि भी थी। महात्मा बुद्ध के समय सोलह महाजनपदों में वैशाली का स्थान मगध के समान महत्त्वपूर्ण था। अतिमहत्त्वपूर्ण बौद्ध एवं जैन स्थल होने के अलावा यह जगह पौराणिक हिन्दू तीर्थ एवं पाटलीपुत्र जैसे ऐतिहासिक स्थल के निकट है।

राजनगर पैलेस

बिहार के मधुबनी जिला में मौजूद राजनगर पैलेस बिहार के सबसे प्राचीन और प्रसिद्ध पैलेस में से एक है। इस पैलेस का निर्माण बिहार में महाराजा रामेश्वर सिंह के द्वारा करवाया  गया था। आज भी यहां हर महीने लाखों पर्यटक घूमने के लिए आते हैं।

पावापुरी

बिहार के धार्मिक और ऐतिहासिक जगहों में पावापुरी बेहद खास मायने रखता है। यह कभी महाजनपद की संयुक्त राजधानी के रूप में प्रचलित था। कहा जाता है कि यह वह जगह है जहां भगवान महावीर को 500 ईसा पूर्व में दफनाया गया था।

शेर शाह सूरी टॉम्ब

बिहार के सासाराम में मौजूद शेर शाह सूरी टॉम्ब भी एक प्राचीन और महत्वपूर्ण जगह है। शेर शाह सूरी का मकबरा लगभग 1545 के दौरान निर्माण करवाया गया था। इस मकबरा को भारत-इस्लामी वास्तुकला का एक शानदार नमूना माना जाता है। यह झील के बीच में निर्मित है।

बराबर की गुफाएं

बराबर की गुफाएं बिहार के सुल्‍तानपुर में स्थित है। इन गुफाओं में से ज्यादातर गुफाओं का संबंध मौर्य काल से है। ये गुफाएं भारत के बिहार राज्य के जहानाबाद जिले में गया से 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। बराबर चार गुफाएं और नागार्जुनी तीन गुफाएं की जुड़वां पहाड़ियों में स्थित हैं। बिहार में ये सैलानियों का प्रमुख स्‍थल है। यह चट्टानों को काटकर बनाई गई सबसे प्राचीन गुफाओं में से एक है। इन गुफाओं में अशोक के शिलालेखों को देखा जा सकता है।

गोलघर

गोलघर बिहार की राजधानी पटना में गाँधी मैदान के पश्चिम में स्थित है। 1770 में आई भयंकर सूखे के दौरान लगभग एक करोड़ लोग भुखमरी के शिकार हुए थे। तब गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग ने गोलघर के निर्माण की योजना बनाई थी। ब्रिटिश इंजिनियर कैप्टन जान गार्स्टिन ने अनाज के भंडारण के लिए इस गोल ढाँचे का निर्माण 20 जनवरी 1784 को शुरु करवाया था। इसका निर्माण कार्य ब्रिटिश राज में 20 जुलाई 1786 को संपन्न हुआ था। इसमें एक साथ 140000 टन अनाज रखा जा सकता है।

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