पटना. वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) की तर्ज पर बनारस से कैमूर वन अभ्यारण्य के लिए टूर पैकेज शुरू होगा. कैमूर वन अभ्यारण्य में इको पार्क का भी निर्माण करवाया जायेगा. इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग योजना बना रहा है.
राज्य में वीटीआर से भी वन क्षेत्र का बड़ा इलाका कैमूर वन अभ्यारण्य का है. साथ ही वहां की प्राकृतिक सुंदरता भी बेहतरीन है. इसी कारण इस क्षेत्र का उपयोग राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के मकसद से किया जा रहा है.
सूत्रों के अनुसार कैमूर वन क्षेत्र का इलाका करीब 1500 वर्ग किमी में फैला है. यहां तेंदुआ सहित अन्य जानवर पाये गये हैं. इस वन क्षेत्र की पहुंच छोटानागपुर की पहाड़ी और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती इलाके तक है. इस कारण यह वन्य प्राणियों के लिए बहुत बड़ा इलाका है.
वहीं, वीटीआर का इलाका करीब 900 वर्ग किमी में फैला है. यहां भी बाघ, तेंदुआ, भालू, हिरण, लोमड़ी, गीदड़, जंगली कुत्ते समेत अन्य शाकाहारी और मांसाहारी वन्य जीव पाये जाते हैं.
सूत्रों के अनुसार कैमूर वन क्षेत्र में भी लगातार बाघ दिखने की सूचनाएं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग काे मिलती रहती हैं. साथ ही यह क्षेत्र टाइगर रिजर्व होने की सभी जरूरी मानकों को पूरा करता है.
टाइगर रिजर्व घोषित करने संबंधी सभी तथ्याें और आंकड़ों को एनसीटीए और केंद्र सरकार के पास भेजने की राज्य सरकार के स्तर से भी तैयारी की जा रही है. यदि इसे भी टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया तो यह राज्य का दूसरा टाइगर रिजर्व होगा.
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने पर्यटन विभाग के साथ मिलकर पटना से वीटीआर और मंगुराहा के लिए पांच टूर पैकेज की शुरुआत करने का निर्णय पिछले दिनों लिया था. इसके लिए ऑनलाइन बुकिंग की व्यवस्था की गयी है. पांचों टूर पैकेज में आने-जाने, ठहरने का किराया सहित शाकाहारी खाने-पीने का खर्च शामिल है. लाने और ले जाने के लिए छह से 16 सीटर गाड़ी का इस्तेमाल किया जायेगा.
Posted by Ashish Jha