पटना. राज्य के सभी पर्यटन केंद्रों तक के पहुंच पथ वाले रास्तों के किनारे पर जल्द ही रेस्टोरेंट व ढाबा खोले जायेंगे. इनमें पर्यटकों को सभी अत्याधुनिक सुविधाएं दी जायेंगी. इसके लिए प्रथम फेज में राजगीर, बोधगया, वैशाली और गया के रास्तों को जोड़ा जायेगा. पर्यटन सर्किट के आसपास मार्गीय सुविधा केंद्रों के विकास के लिए सरकार 38.80 करोड़ रुपये खर्च करेगी. अगले तीन साल में अलगअलग स्तर के करीब 160 सुविधा केंद्रों को शुरू करने का लक्ष्य विभाग ने रखा है. इसको लेकर पर्यटन विभाग जल्द ही निजी निवेशकों से आवेदन लेगा.
वर्तमान में चल रहे ढाबा, रेस्तरां व पेट्रोल पंप को भी इस योजना का लाभ मिलेगा. राष्ट्रीय व राज्य मार्गों पर कम- से -कम आधे एकड़ में चल रहे पुराने ढाबा, रेस्तरां व पेट्रोल पंप को राज्य सरकार अधिकतम 20 लाख अनुदान देगी, ताकि उन्हें नये रंग-रूप में सजाया-संवारा जा सके.
पर्यटन केंद्रों तक जाने वाली सड़क पर हर 50 किमी पर निवेशकों की मदद से प्रीमियम सुविधा केंद्र बनाये जायेंगे. इसके लिए करीब 1.5 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी जिस पर करीब 15 हजार वर्गफुट में निर्माण करना होगा. इसके लिए सरकार 50 प्रतिशत या अधिकतम 50 लाख रुपये तक अनुदान देगी.
राज्य के चयनित मार्गों पर निवेशकों की मदद से प्रत्येक 30 किमी की दूरी पर स्टैंडर्ड सुविधा केंद्र विकसित किये जायेंगे. इसके लिए करीब एक एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी , जबकि कम -से -कम 10 हजार वर्गफुट में पर्यटकीय सुविधाएं देनी होंगी.
देश-विदेश से बिहार घूमने आये पर्यटकों के लिए पर्यटन विभाग की ओर से कई सुविधाएं दी गयी हैं. बिहार में कई झील हैं, जहां इको टूरिज्म को बढ़ावा दिया जा रहा है. राजगीर, बौधगया, वैशाली, केसरिया, नंदनगढ़, बांका का ओढ़नी झील और वाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व सहित अनेक मनोरम जगह हैं. ये बातें सोमवार को पर्यटकीय विकास को लेकर होटल, जिलों में नामित पर्यटन पदाधिकारियों एवं टूर एंड ट्रेवल्स संचालकों की राज्य स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए पर्यटन मंत्री नारायण प्रसाद ने कहीं.उन्होंने कहा कि पर्यटकों की सुख -सुविधाओं के लिए बेहतरीन होटल, लजीज व्यंजन, भोजन के साथ गाइड, सुरक्षा के व्यापक प्रबंध है.
मंत्री ने होटल संचालकों, गाइड बंधुओं से अनुरोध है कि पर्यटन विभाग से निबंधित होटलों के ऊपर बिहार राज्य पर्यटन विकास निगम को लोगो लगाये व गाइड आइडी कार्ड लगा कर ही पर्यटन स्थल पर रहें. इससे पर्यटकों में विश्वास का भाव जगेगा. पर्यटकों को भी सुविधाएं होंगी.