देश विदेश के पर्यटकों को मिलेंगी अब उच्च स्तरीय सुविधाएं, कुछ ऐसा होगा गयाजी का नया हाइटेक धर्मशाला
इस भवन में 38 बस पार्किंग के साथ 303 कार पार्किंग का निर्माण किया जाएगा ताकि पर्यटकों को पार्किंग में कहीं कोई परेशानी नहीं हो. इसके साथ ही ड्राइवर रेस्ट रूम बनाया गया है ताकि चालकों को असुविधा नहीं हो.
मुख्य बातें
‘‘गया जी धाम’’ में अत्याधुनिक धर्मशाला के निर्माण हेतु मंत्रीपरिषद द्वारा प्राक्कलित राशि 1,20,15,85,000/- (एक सौ बीस करोड़ पन्द्रह लाख पचासी हजार) रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति मिली.
गयाजी में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी, साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार एवं व्यापार की संभावनाएं भी सृजित होगी.
पर्यटकों को उच्च स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए बनाया जाएगा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त धर्मशाला. इसके अन्तर्गत जी प्लस 4 भवन का निर्माण किया जायेगा.
बेड-1080, लिफ्ट-4 सीढ़ी- 8, बस पार्किंग, कार पार्किंग, डायनिंग के साथ किचेन-2, जेनरल स्टोर, सुधा स्टोर, आईसक्रीम पार्लर इत्यादि का निर्माण प्रस्तावित है.
पटना. हिंदू धर्म के अनुसार, जब लोग अपना शरीर त्याग कर चले जाते हैं, तब उनकी आत्मा की शांति के लिए श्रद्धा से पिंडदान और तर्पण किया जाता है, उसे श्राद्ध कहते हैं. श्राद्धकर्म करना पितरों की आत्मा की शांति के लिए महत्वपूर्ण माना गया है. गया जी में पिंडदान करने से आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है, इसलिए इस स्थान को मोक्ष स्थली भी कहा जाता है.
फल्गु नदी के तट पर भगवान राम ने भी किया था श्राद्ध कर्म
मान्यता है कि गया जी में भगवान विष्णु स्वयं पितृदेव के रूप में निवास करते हैं. गया जी में फल्गु नदी के तट पर भगवान राम और माता सीता ने भी राजा दशरथ की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किया था. गया जी में श्राद्ध कर्म और तर्पण विधि करने से व्यक्ति पितृऋण से मुक्त हो जाता है. इस कारण गया जी देश ही नहीं दुनिया भर में हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थली है, जहां पिण्डदान करने देश एवं विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु/पर्यटकों का आगमन होता है. यहां प्रतिवर्ष घरेलू 40-50 लाख तथा विदेशी 40-50 हजार पर्यटकों का आगमन होता है. प्रतिवर्ष निरंतर इसकी संख्या में वृद्धि होना संभावित है.
पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी
माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निदेशानुसार मेला के आने वाले श्रद्धालुओं/पर्यटकों को उच्च गुणवत्तापूर्ण पर्यटकीय सुविधा उपलब्ध कराने हेतु उस क्षेत्र में नये पर्यटकीय संरचनाओं का निर्माण कार्य किया जाना है. इससे पर्यटकों को उच्च गुणवत्तापूर्ण सुविधा प्राप्त होगी तथा उन्हें सुखद अनुभूति की प्राप्ति होगी. इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी, सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी, साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार एवं व्यापार की संभावनाएं भी सृजित होगी. इस योजना के अन्तर्गत गया जी धाम में धर्मशाला का निर्माण किया जाना है.
अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त धर्मशाला निर्माण के लिए राशि मिली
माननीय उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि आज मंत्रिपरिषद् द्वारा गया जिलान्तर्गत ‘‘गया जी धाम’’ में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त धर्मशाला निर्माण हेतु प्राक्कलित राशि 1,20,15,85,000/- (एक सौ बीस करोड़ पन्द्रह लाख पचासी हजार) रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है. इस राशि से गयाजी धाम को आदर्श धार्मिक एवं पर्यटन स्थल बनाने हेतु पर्यटन विभाग ने योजनाएं बनायी है
क्या क्या बनेगा
इस योजना के अन्तर्गत यहां जी प्लस 4 भवन का निर्माण किया जायेगा। इसमें बेड-1080, डोरमेंटरी 212 एवं दो बेडरूम की संख्या 48 रहेगी. भवन में लिफ्ट-4 और सीढ़ी- 8 बनाए जाएंगे.
इस भवन में 38 बस पार्किंग के साथ 303 कार पार्किंग का निर्माण किया जाएगा ताकि पर्यटकों को पार्किंग में कहीं कोई परेशानी नहीं हो. इसके साथ ही ड्राइवर रेस्ट रूम बनाया गया है ताकि चालकों को असुविधा नहीं हो.
इस भवन में किचेन-2 के साथ डायनिंग हॉल, जेनरल स्टोर, सुधा स्टोर, आईसक्रीम पार्लर इत्यादि सुविधाएं सम्मिलित की गई है.
यहां सोलर पावर जेनरेशन सिस्टम भी लगाया गया है ताकि बिजली की व्यवस्था बेहतर हो.
योजना के तहत पूरे परिसर में बाउंड्री वॉल का निर्माण किया जाना है.
इस पूरी योजना का कार्यान्वयन बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लि॰ द्वारा किया जायेगा.