गंगा विलास के सैलानियों ने तख्त श्री हरिमंदिर साहिब में माथा टेका, सहेजी यादें, ढोल की थाप पर थिरके
मंगलवार को स्विटजरलैंड और जर्मनी के 31 विदेशी सैलानियों का दल हाजिरी लगाने श्री गुरु गोविंद सिंहजी महाराज की जन्म स्थली तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में पहुंचा. उनके स्वागत में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ढोल-ताशे की थाप के बीच पुष्प वर्षा की और गुलाब भेंट कर उनका अभिनंदन किया.
पटना सिटी. मंगलवार को स्विटजरलैंड और जर्मनी के 31 विदेशी सैलानियों का दल हाजिरी लगाने श्री गुरु गोविंद सिंहजी महाराज की जन्म स्थली तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब में पहुंचा. उनके स्वागत में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ढोल-ताशे की थाप के बीच पुष्प वर्षा की और गुलाब भेंट कर उनका अभिनंदन किया. इस अवसर पर पटना के सांसद सांसद रामकृपाल यादव, महापौर सीता साहू, के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे.
दरबार साहिब में सैलानियों ने लगायी हाजिरी
गंगा विलास क्रूज से पटना पहुंचे ये सैलानी गुरुद्वारे में आकर दरबार साहिब में हाजिरी लगायी. वहां सैलानियों को गुरु घर का आशीष सिरोपा दिया गया. इस दौरान सैलानियों ने गुरु महाराज के पवित्र वस्तुओं का दर्शन कर उसे कैमरे में कैद किया. सैलानियों का प्रबंधक कमेटी के लोगों ने मीटिंग हाल में बैठक की और सैलानियों का अभिनंदन किया गया. इसमें कमेटी अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे. बैठक के दौरान महासचिव इंद्रजीत सिंह ने सैलानियों को गुरुघर का प्रसाद और पुस्तक भेंट की.
क्रूज मंगलवार की शाम तक पटना में ठहरेगा
इससे पूर्व सोमवार की देर शाम गंगा विलास नामक क्रूज भारतीय अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग प्राधिकरण के गायघाट स्थित जेटी पर पहुंचा. यह क्रूज स्विटजरलैंड और जर्मनी के 31 विदेशी सैलानियों को लेकर 13 जनवरी को वाराणसी से डिब्रूगढ़ बोगीबील बंदरगाह के लिए चला है. प्राधिकरण के मुख्य अभियंता रविकांत व निदेशक एलके रजक ने बताया कि सैलानियों को गोलघर, म्यूजिम, तख्त श्री हरिमंदिर जी पटना साहिब और महावीर मंदिर के साथ अन्य ऐतिहासिक व धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराने के बाद क्रूज मंगलवार की शाम तक पटना से रवाना हो जायेगा.
52 दिनों के सफर पर निकला है जहाज
मुख्य अभियंता ने बताया कि पीएम मोदी ने 13 जनवरी को वाराणसी में क्रूज को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया था. निदेशक ने बताया कि सैलानियों को 52 दिनों के सफर पर निकला जहाज लगभग 3200 किलो मीटर का सफर कर असम के डिब्रूगढ़ बोगीबील बंदरगाह पहुंचेगा. यात्रा के दौरान जहाज 27 छोटी बड़ी नदियों से होते हुए 15 दिनों तक बांग्लादेश की जल सीमा में यात्र के बाद गंगा विलास जहाज राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या दो के ब्रह्मपुत्र नदी में प्रवेश करेगा.इसके बाद वो डिब्रूगढ़ बोगीबील बंदरगाह के लिए पहुंचेगी.