बिहार का प्रतिनिधित्व करेंगे सिक्की से बने खिलौने, इंडिया टॉय फेयर 2021 में मिली इंट्री

मधुबनी में सिक्की से तैयार खिलौने अब देशभर में बिहार की नयी पहचान बनेंगे. प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए 27 फरवरी से दो मार्च तक लगने वाले इंडिया टॉय फेयर 2021 में बिहार का प्रतिनिधित्व मधुबनी का सिक्की क्रॉफ्ट करेगा.

By Prabhat Khabar News Desk | February 27, 2021 11:27 AM

धनंजय पांडेय, मुजफ्फरपुर. मधुबनी में सिक्की से तैयार खिलौने अब देशभर में बिहार की नयी पहचान बनेंगे. प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए 27 फरवरी से दो मार्च तक लगने वाले इंडिया टॉय फेयर 2021 में बिहार का प्रतिनिधित्व मधुबनी का सिक्की क्रॉफ्ट करेगा.

पहली बार ऑनलाइन लगने वाले खिलौना मेले में मधुबनी के सुधीरा सिक्की क्रॉफ्ट को इंट्री मिली है. अब तक यहां सिक्की से घरेलू उपयोग की चीजें बनती थीं, लेकिन आने वाले दिनों में खिलौने भी देश में धूम मचाएंगे.

समूह की संचालक सुधीरा देवी इससे काफी उत्साहित है. बोली, कई दिनों से वर्चुअल मेला की तैयारी कर रही है. सिक्की से तैयार हाथी, घोड़ा, गाय, मछली, कछुआ सहित अन्य खिलौनों के साथ ही टोकरी, फ्रुट बास्केट व मूर्तियां भी आकर्षण का केंद्र बनेंगी.

100 रुपये से लेकर पांच हजार रुपये तक के प्रोडक्ट है. केंद्र सरकार की पहल से सुधीरा खुश है. कहा कि ऑनलाइन स्टॉल लगेगा, जिसको देश के अन्य हिस्सों के साथ ही दुनियाभर के लोग देखेंगे. सिक्की से बने खिलौनों का बाजार बढ़ेगा, तो महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा. अभी उनके साथ 40 से अधिक महिलाएं इस काम में जुड़ी है.

सुधीरा को 2015-16 में मिला था राष्ट्रीय अवॉर्ड

मधुबनी जिले के पंचायत रैयाम (झंझारपुर) की रहने वाली सुधीरा देवी पिछले 24 साल से सिक्की क्रॉफ्ट से जुड़ी है. सिक्की क्रॉफ्ट के लिए 2015-16 में इन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार मिला, जबकि इनके पति चंद्र कुमार ठाकुर को 2016-17 में राज्य पुरस्कार मिला. इनके परिवार की विंदेश्वरी देवी को 1969 में इस कला के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है.

सुधीरा की बेटी राधा कुमारी भी सिक्की क्रॉफ्ट से जुड़ी है. सुधीरा ने बताया कि अपनी सास यमुना देवी से उन्होंने यह कला सीखी थी. तब सिक्की से केवल सामान्य चीजें ही बनती थीं. धीरे-धीरे दायरा बढ़ता जा रहा है. अब घरेलू उपयोग की चीजों के साथ ही खिलौने भी तैयार हो रहे हैं.

Posted by Ashish Jha

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