बिहार में मार्च तक सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में लगेंगे ट्रैकिंग सिस्टम, विभाग ने शुरू की तैयारी, जानिये क्या होगा फायदा
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार मार्च तक सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में व्हीकल ट्रैकिंग और इमरजेंसी बटन अनिवार्य रूप से लगाने को कहा है.
पटना. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के निर्देश पर राज्य सरकार मार्च तक सभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट में व्हीकल ट्रैकिंग और इमरजेंसी बटन अनिवार्य रूप से लगाने को कहा है.
यह निर्णय महिलाओं व आम लोगों की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए लिया गया है, ताकि देर रात में भी उनके लिए सफर करना सुगम व सुरक्षित हो सके.
निर्भया फ्रेमवर्क के तहत सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में व्हीकल लोकशन ट्रैकिंग डिवाइस एवं इमरजेंसी बटन लगाने का निर्णय लिया गया है.इसको लेकर 19 जनवरी को दोबारा बैठक हुई, इसमें सभी राज्य के परिवहन मंत्रियों ने अपनी सहमति जाहिर की है.
स्कूली वाहनों पर भी लगाना अनिवार्य
स्कूली बसों में जीपीएस सिस्टम लगाने को लेकर पूर्व से निर्देश जारी हैं, लेकिन इस निर्णय पर अभी तक अमल नहीं किया गया है.
नयी पॉलिसी के बाद स्कूलों में चलने वाली टैक्सी, ऑटो,बस या कोई भी छोटी-बड़ी गाड़ियों में व्हीकल ट्रैकिंग लोकेशन सिस्टम व इमरजेंसी बटन अनिवार्य होगा, वरना इसके लिए स्कूल प्रशासन को भी जिम्मेदार माना जायेगा. किसी भी घटना या जांच के दौरान स्कूलों को इसके लिए जवाब देना होगा.
एनआइसी की मदद से बनेगा कंट्रोल रूम
डिवाइस के लगने के बाद एनआइसी की मदद से परिवहन विभाग द्वारा कंट्रोल रूम बनाया जायेगा, जो पुलिस मुख्यालय से जुड़ा होगा.
आपातकालीन स्थिति में वाहनों की ट्रैकिंग करके तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी. इसके लिए विभाग की ओर से पूर्व से काम शुरू कर दिया गया है. इसको लेकर राज्य सरकार की सहमति भी मिल गयी है. बहुत जल्द कंट्रोल रूम तैयार हो जायेगा.
यह होगा फायदा
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यह महिला सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण कदम होगा. इससे महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. महिलाएं, लड़कियां व बुजुर्ग आराम से रात में भी सफर कर पायेंगे.
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व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग डिवाइस या इमरजेंसी अलर्ट के साथ छेड़छाड़ या तोड़े जाने पर तुरंत अलर्ट प्राप्त होगा. पुलिस को तुरंत वाहन के लोकेशन की रियल टाइम मिल जायेगी.
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जियो फैंसिंग एवं सॉफ्टवेयर के माध्यम से वाहन के मूवमेंट को मैप पर देखा जा सकेगा. वाहन मालिक भी सॉफ्टवेयर द्वारा अपने वाहनों की स्थिति का पता कर सकते हैं.
Posted by Ashish Jha