पटना के इस रूट पर अब लोगों को मिलेगी जाम से राहत, बदल गयी है ट्रैफिक व्यवस्था
बिहटा-शिवाला मार्ग में ट्रकों के परिचालन होने से संबंधित मार्ग में यातायात का दबाव हो जाता है. साथ ही छोटे वाहनों के परिचालन में भी कठिनाई होती है. साथ ही सड़क दुर्घटना होने की भी आशंका बनी रहती है. इसलिए ट्रकों के लिए यह व्यवस्था की गयी है.
पटना. बिहटा-शिवाला मार्ग में बढ़ते ट्रैफिक का दबाव, छोटे वाहनों के सुरक्षित परिचालन व आम लोगों की सुविधा के लिए ट्रकों का डायवर्जन किया गया है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बिहटा-शिवाला मार्ग में ट्रकों के परिचालन होने से संबंधित मार्ग में यातायात का दबाव हो जाता है. साथ ही छोटे वाहनों के परिचालन में भी कठिनाई होती है. साथ ही सड़क दुर्घटना होने की भी आशंका बनी रहती है. इसलिए ट्रकों के लिए यह व्यवस्था की गयी है. अब इस तरह से ट्रकों के लिए बिहटा से आने व जाने की व्यवस्था हुई है.
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बिहटा की ओर से पटना आने वाले ट्रकों को कन्हौली मोड़ से बिहटा-सरमेरा पथ होते हुए नौबतपुर के रास्ते खगौल लख की ओर डायवर्ट किया गया है.
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पटना की ओर से बिहटा जाने वाले ट्रकों को खगौल (लख) से एम्स गोलंबर होते हुए नौबतपुर के रास्ते बिहटा-सरमेरा पथ में डायवर्ट किया गया है.
12 के बदले 50 घंटे में एलपीजी सिलिंडर के ट्रक पहुंच रहे पटना
आरा- पटना रोड जाम रहने के कारण पिछले चार-पांच दिनों से एलपीजी सिलिंडर के ट्रक को पटना पहुंचने में 50 घंटे से अधिक का वक्त लग रहा है. इसके कारण उपभोक्ताओं को एक-दो तीन दिन बाद गैस की डिलिवरी हो रही है. इंडियन ऑयल और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का एलपीजी रीफिलिंग प्लांट आरा में है. यहां से हर दिन लगभग 300 ट्रक पटना जिला और आसपास के इलाके में पहुंचते हैं, लेकिन पिछले दो-तीन दिनों से मुख्य मार्ग जाम रहने के कारण इन ट्रकों को पहुंचने में 12 के बदले 50 घंटे से अधिक का वक्त लग रहा है.
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जाम के कारण ट्रकों को पहुंचने में लग रहा वक्त
वितरकों की मानें, तो ट्रकों खगौल पहुंचने के बाद नौबतपुर की ओर मोड़ दिया जा रहा है. इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि जाम के कारण कुछ ट्रकों को पटना पहुंचने में कुछ अधिक वक्त लग रहा है.