राज किशोर सिंंह, खगड़िया. बूढ़ी गंडक नदी पर 25 करोड़ की लागत से निर्मित समानांतर पुल से आवागमन शुरू हो गया है. इससे लाखों लोगों का सफर आसान हो गया है. लोगों को राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या -31 पर हर दिन लगने वाली घंटों जाम से होने वाली परेशानी से मुक्ति मिल गयी है. इसके बनने से असम से लेकर पटना तक आवागमन आसान हो गया है. पहले खगड़िया से बेगूसराय तक जाने में घंटों समय लगता था. अब 40 मिनट में बेगूसराय पहुंच जा रहे हैं. गौरतलब है कि
बूढ़ी गंडक नदी पर छह दशक पूर्व वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान पुल का निर्माण किया गया था, ताकि सैनिकों को गोला-बारूद व तोप ले जाने में कठिनाई नहीं हो. इससे पहले बूढ़ी गंडक नदी में नाव पर सवार होकर जाना पड़ता था.
समय के साथ दशकों पुराने पुल की स्थिति अत्यंत ही खराब है. इसकी लगातार मरम्मत होती रहती थी. इससे पुल पर वाहनों का वन वे आवागमन ही हो पाता था. एनएच -31 को फोरलेन बनाया गया है. बीते पांच दशक में एनएच -31 पर वाहनों के आवागमन में कई गुना वृद्धि हुई है. बूढ़ी गंडक नदी पर छह दशक पूर्व दो लेन की बने पुल का चौड़ीकरण अथवा उसके समानांतर एक नये पुल की अत्यधिक जरूरत महसूस की जा रही थी.
बूढ़ी गंडक नदी पर बने पुल के समानांतर पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2017 में शुरू हुआ था. ठेकेदार को पुल का निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूरा करना था. इस तरह पुल के निर्माण में दो वर्षों से अधिक समय का विलंब हुआ है. नवनिर्मित पुल के फोर मैन ने बताया कि पुल पर डी बीएम ( कालीकरण ) होने के साथ ही उस पर वाहनों के आवागमन का रास्ता साफ हो गया है. उन्होंने बताया कि एक पखवारे तक वाहनों के आवागमन से पुल पर डीबीएम का कार्य व्यवस्थित हो जायेगा. उसके बाद पुल के डीबीएम पर मास्टर कोट किया जायेगा. पुल पर लाइट व पेंट का कार्य बचा हुआ है. लाइट लगाने व रंग-रोगन करने का कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है. उम्मीद है कि एक सप्ताह में पुल के लाइट व पेंट का काम भी पूरा हो जायेगा.
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एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रशांत सिन्हा ने बताया कि पुल का निर्माण कार्य पूरा हो गया है व उस पर वाहनों का आवागमन शुरू करने की अनुमति दे दी गयी है.