छठ महापर्व के बाद ट्रेनों में भीड़ के साथ आपाधापी की स्थिति बनी हुई है. ट्रेन के कोच में चढ़ने के लिए आपाधापी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हर दिन यात्रियों का करीब 150 जोड़ी चप्पल और जूता प्लेटफॉर्म पर ही छूट जाता है. ट्रेनों के गुजरने के बाद प्लेटफॉर्म के सामने रेलवे ट्रैक पर हाल के दिनों में जूता-चप्पल की भरमार लग जाती है. बाद में कचरा चुनने वाले इसे ले जाते हैं. प्लेटफॉर्म संख्या-1 पर यात्रियों का चप्पल उठा रहे एक कचरा चुनने वाले ने बताया कि हर दिन वह सभी प्लेटफॉर्म पर घूमते हुए एक बोरा के आसपास चप्पल जमा कर लेता है. उसके जैसे कई और कचरा बीनने वाले हैं. एक ने बताया कि वे लोग सही जोड़ा का चप्पल जरूरतमंद को दे देते हैं. बुधवार को भी मुजफ्फरपुर स्टेशन के प्लेटफॉर्म संख्या-1 व 2 के ट्रैक पर चप्पल और जूता की भरमार लगी थी.
ट्रेन संख्या – 12557 सप्तक्रांति एक्सप्रेस के खुलने के बाद बुधवार को एक दर्जन से अधिक युवा बोगी में चढ़ने के लिए दौड़ने लगे. सभी के हाथों में बैग भी था. इसलिए एक दूसरे से उलझ कर अनियंत्रित हो रहे थे. धीरे-धीरे ट्रेन की रफ्तार बढ़ रही थी. एक दर्जन में महज पांच युवक ही बोगी में चढ़ पाये, इसी दौरान एक युवक बैग के साथ प्लेटफॉर्म पर गिर गया. जिसे पैर और हाथ में चोटें आयी. वहीं ट्रेन में चढ़ने के दौरान कई का चप्पल छूट गये. मोहित आनंद नाम के यात्री ने ट्रेन में चढ़ने के लिए इस आपाधापी का वीडियो शेयर कर रेलवे से शिकायत भी की. जिस समय लोग ट्रेन में चढ़ने के लिए दौड़ रहे थे, उस समय आरपीएफ या जीआरपी के पुलिस बल नहीं थे.