शिवहर. कोरोना से राहत, लेकिन नववर्ष 2023 में पुनः दस्तक के संकेत के बीच पिछले साल शिवहर के लिए कुछ अफसोस तो कुछ उम्मीद दे गया है. एक ओर जहां जिले में ब्लड बैंक का शुभारंभ हुआ, तो दूसरी ओर सरकारी बस की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. वहीं लोगों ने रेलवे लाइन के मसले पर कुछ सकारात्मक परिणाम की प्रतिक्षा करते दिखे. पिछले वर्ष में जहां एनएच 104 का निर्माण पूरा हुआ. वहीं बेलवा घाट पर डैम अब भी अबूझ पहेली बनी हुई है. तथा शहर के जीरो माइल का सौंदर्यीकरण किया गया. लेकिन सरकारी बस स्टैंड का निर्माण अब तक प्रारंभ नहीं हो सका है. वहीं शहर के लोग पूरे वर्ष भर जलजमाव की समस्या से जूझते दिखे. तो पिछले वर्ष शिवहर को विकास को कई आयाम मिले हैं. लेकिन अब भी कई काम अधूरा ही है.
नये वर्ष 2023 में इंजीनियरिंग कॉलेज और जिला के जनक पूर्व मंत्री पंडित रघुनाथ झा की मूर्ति का अनावरण होना प्रस्तावित है. यातायात और परिवहन की बात करें तो एनएच 104 के निर्माण के बाद अब शिवहर को रामजानकी मार्ग से जोड़ने की तैयारी चल रही है. हालांकि जिले की अधिकांश ग्रामीण सड़कें जर्जर अवस्था में हैं. जिला बनने के बाद शिवहर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरोजा सीताराम सदर अस्पताल की स्थापना, एसएनसीयू, डायलिसिस, ऑक्सीजन बेड, ओटी, ब्लड बैंक, ऑक्सीजन प्लांट समेत उच्चस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध हुई है. लेकिन मरीज को मुजफ्फरपुर रेफर किए जाने का सिस्टम पूरी तरह नहीं खत्म हुआ है.
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शिक्षा और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आइटीआई, महिला आइटीआई, पालिटेक्निक कॉलेज, इंजीनियरिग कॉलेज,एएनएम स्कूल, डिग्री कॉलेज की स्थापना, पंचायत स्तर पर हाईस्कूल की स्थापना बड़ी उपलब्धि रही है. वहीं पावर सब स्टेशन, पुल-पुलिया, सड़क के क्षेत्र में भी काम हुआ है. हालांकि आजादी के 74 साल बाद भी शिवहर रेलमार्ग से अनजान है. जिले का दर्जा मिलने के 28 साल बाद भी इस दिशा में उचित पहल नहीं हो सकी है. लेकिन यह मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है. शिवहर को मोतिहारी से जोड़ने के लिए अदौरी घाट में पुल एवं तरियानी से बेलसंड को जोड़ने वाला कोर्सों मोतनाजे पुल का निर्माण नहीं हो पाया है. साथ ही बेलवा डैम भी अधूरा है. शहर में बाइपास सड़क की आवश्यकता है.
शिवहर जिले के विकास हेतु जिला विस्तार का प्रस्ताव फाइलों में कैद होकर रह गया है. साथ ही सीतामढ़ी व मोतिहारी के कुछ हिस्सों को काटकर शिवहर जिले का विस्तार करना था. आबादी कम होने के कारण इस जिले को विकास योजनाओं से वंचित होना पड़ रहा है. वहीं बाढ़ की समस्या का स्थाई समाधान भी नहीं हो सका है. जिले में उद्योग का अभाव है. बेरोजगारी के चलते मजदूरों का पलायन जारी है. जिले में अधिकारियों के लगभग आधे से अधिक पद खाली है. इन सब के बीच नए वर्ष से लोगों को काफी उम्मीद है. लोग इस आस में हैं कि वर्ष 2023 में शिवहर जिले के जितने अधूरे काम है वो पूरे होंगे.