छात्रों के लिए चली ट्रेनें रहीं खाली, आम पैसेंजर ही अधिक नजर आये
पटना : जेइइ मेन-नीट व एनडीए की परीक्षा के परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए पूमरे की ओर से बुधवार से 20 जोड़ी मेमू/डेमू ट्रेनें चलायी गयीं. छात्रों की सुविधा के लिए ट्रेनें चली. लेकिन, वह छात्रों से खाली रही.
पटना : जेइइ मेन-नीट व एनडीए की परीक्षा के परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए पूमरे की ओर से बुधवार से 20 जोड़ी मेमू/डेमू ट्रेनें चलायी गयीं. छात्रों की सुविधा के लिए ट्रेनें चली. लेकिन, वह छात्रों से खाली रही. चलने वाली ट्रेनों में आम पैसेंजर की संख्या अधिक रही. सफर करने वाले यात्रियों ने बताया कि ट्रेनों का चलना बहुत जरूरी है. इससे काफी राहत मिलेगी.
बुधवार को पटना जंक्शन से आठ सवारी ट्रेनों का आना-जाना हुआ. अधिकांश ट्रेनों में यात्रियों की संख्या बहुत कम रही. पटना-गया स्पेशल 03211 ट्रेन शाम 6़ 30 बजे पटना जंक्शन से खुली. इस ट्रेन में यात्रियों की संख्या अन्य ट्रेनों की अपेक्षा अधिक दिखी. पटना जंक्शन से 1381 अनारक्षित टिकट कटे. इससे रेलवे को 34,965 रुपये राजस्व संग्रहण हुआ. यात्रियों के लिए पटना जंक्शन व करबिगहिया छोर पर अनारक्षित टिकट काउंटर खोले गये.
पहला दिन होने के कारण ट्रेनों में यात्रियों की संख्या कम दिखी. ट्रेनों में जेइइ मेन व नीट परीक्षा देनेवाले परीक्षार्थी नहीं दिखायी दिये. ट्रेनों में लोकल यात्रियों की संख्या अधिक रही. सुबह में बक्सर से फतुहा नौ बजे, मोकामा से रघुनाथपुर व गया से पटना वाली ट्रेन पौने नौ बजे पटना जंक्शन पहुंची. पटना से गया के लिए ट्रेन दोपहर 2़ 45 बजे प्रस्थान की. 03261 फतुहा-पटना-बक्सर शाम साढ़े छह बजे रवाना हुई.
ट्रेन में एक डिब्बे में गिनती के यात्री सवार थे. कई डिब्बे तो खाली दिखायी दिये. ट्रेनों पर चढ़ने को लेकर किसी तरह की अफरा-तफरी नहीं दिखी. लेकिन, ट्रेनों के चलने की जानकारी होने के बाद लोकल सफर करने वालों ने प्रसन्नता जाहिर की. इस तरह दानापुर- राजगीर स्पेशल पैसेंजर, दानापुर-मोकामा स्पेशल पैसेंजर की भी यही स्थिति रही. शाम में पटना से गया के लिए खुलने वाली 03211 पटना-गया स्पेशल ट्रेन में यात्रियों की संख्या दिखी. उसमें भी कुछ डिब्बे खाली दिखे.
मेमू/डेमू ट्रेनों का परिचालन शुरू होने पर पटना जंक्शन व करबिगहिया छोर पर एक दर्जन अनारक्षित टिकट काउंटर खोले गये. कर्मियों ने बताया कि यात्रियों की संख्या अधिक नहीं है. यात्रियों की संख्या बढ़ने पर और काउंटर खोले जा सकते हैं.
posted by ashish jha