Trains Running Late रेल की रफ्तार पर कोहरे का ब्रेक, यात्रियों की बढ़ी परेशानी, जानें अपने शहर के मौसम का हाल
राजधानी पटना समेत बिहार के कई जिलों में घने कोहरे के कारण ट्रेनों के परिचालन पर अब असर दिखने लगा है. पिछले 10 दिनों से सुबह के समय कोहरे के कारण दिल्ली वाली ट्रेनें की रफ्तार धीमी हो गयी हैं. इसके कारण कुछ ट्रेन तो अब पांच से आठ घंटे तक देरी से चल रही हैं.
राजधानी पटना समेत बिहार के अधिकतर इलाकों में ठंड की वजह से कोहरे का प्रकोप जारी है. पिछले 10 दिनों से सुबह के समय कोहरे का असर अधिक देखने को मिल रहा है. दिल्ली वाली ट्रेनें की रफ्तार कोहरे की वजह धीमी हो गयी हैं. कुछ ट्रेनें तो पांच से आठ घंटे तक देरी से चल रही हैं. गुरुवार की सुबह रेलवे द्वारा जारी की गयी लिस्ट के मुताबिक करीब एक दर्जन से अधिक ट्रेनें लेट हुई.
ये ट्रेनें चल रही लेट
इनमें राजधानी, संपूर्णक्रांति जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें भी शामिल हैं. दिल्ली से पटना आने वाली तेजस राजधानी 2 घंटे, मगध एक्सप्रेस 05, श्रमजीवी एक्सप्रेस 1 घंटे, संपूर्णक्रांति 3 घंटे 35 मिनट, ब्रम्हपुत्रा मेल 5 घंटे 15 मिनट, मगध एक्सप्रेस 5 घंटे, इस्लामपुर हटिया 1 घंटे 13 मिनट, विक्रमशिला एक्सप्रेस 04 घंटे देरी से पटना पहुंची. ट्रेन लेट होने से यात्रियों को कठिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जंक्शन से अलग-अलग जगहों पर जाने वाले यात्रियों को कई घंटों तक रेल का इंतजार करना पड़ रहा है.
बेगूसराय में शीतलहर जारी
बिहार के बेगूसराय जिले में पंद्रह दिनों से लगातार शीतलहर जारी है. ठंडी हवा के साथ कनकनी वाली ठंड शरीर को गला देने का अहसास करा रही है. ठंड से पूरा जनजीवन ही अस्त-व्यस्त हो गया है. गुरुवार को भी अधिकतम तापमान 20 और न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस रहा, लेकिन पछुआ हवा की कनकनी ने न्यूनतम तापमान 8 डिग्री का अहसास करा रही थी. ठंड से बचने को लेकर अधिकतर लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं. शहरी घरों में रूम हीटर का भी उपयोग हो रहा है. कनकनी इतनी अधिक है कि सुबह में अंकित अधिकत्तम तापमान और न्यूनतम तापमान से कहीं ज्यादा ठंड का एहसास हो रहा है.
ठंड का असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा
बर्फीली तेज हवा के कारण तापमान आठ डिग्री वाली महसूस हो रहा है. लोग अपने घरों से बहुत ही कम तथा आवश्यक कार्यवश ही निकल रहें हैं.शहर में चौक चौराहों पर सरकारी स्तर पर अलाव की व्यवस्था नही गयी है. ठंड का असर दिहाड़ी मजदूरों को काफी प्रभावित किया है.अधिकांश लोग घरों में रहने को मजबूर है.शीत लहर में पशुओं के भी बीमार हो जाने चिताएं बढ गयी है.मौसम पूर्वानुमान में अभी तक यही कहा जा रहा है कि आने वाले चार दिनों तक बादल और धूप के बीच चूहा-बिल्ली का खेल जारी रहेगा. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार धूप के दर्शन तो होते रह सकते है किंतु ठंड से निजात मकरसंक्रांति के बाद भी नही मिलेगी.
शीतलहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त
वहीं नावकोठी प्रतिनिधि के अनुसार, प्रखंड क्षेत्र में शीतलहर से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग ठंड से बचने के लिए स्थानीय स्तर पर आग जला कर उसके आसपास बैठ कर अपने आप को बचाते हुए नजर आये. सड़क पर वीरानगी छायी रही. बाजार में भी सन्नाटा पसरा रहा. अत्यावश्यक कार्य से ही इक्का दुक्का लोग घरों से बाहर निकले. लोगों को कौन कहे जानवर भी ठंड से बचने के लिए आग के निकट बैठा देखा गया. सड़कों पर वाहन तो चले पर उसमें सवारियां नहीं के बराबर थी.
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विडंबना यह कि कड़ाके से ठंड से बचाव के लिए प्रशासनिक स्तर पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. राजद के सुरेंद्र पासवान, भाकपा माले नेता मुक्ति नारायण सिंह, माकपा के कामेश्वर झा, कांग्रेस के सुरेश पासवान आदि ने चौक-चौराहे पर अलाव की व्यवस्था करने की मांग सीओ से की है.
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