पश्चिम चंपारण जिले के वीटीआर में 15 दिन बाद बाघ वन विभाग की पकड़ से दूर है. बाघ के रेस्क्यू में जुटी पटना-हैदराबाद की टीम और वन अधिकारी व वनकर्मी चार हाथियों पर बैठ कर जंगल के अंदर घुसे हैं. एक भैंस को पेड़ से बांधा गया है. बाघ का इंतजार किया जा रहा है कि वह शिकार करने आये और उसे पकड़ा जाये. एक्सपर्ट ट्रेंकुलाइज शूटर की टीम पेड़ पर मचान बनाकर बैठी हुई है. बाघ के आते देख ही उसे ट्रेंकुलाइज किया जायेगा.
हमला करने वाले बाघ की रेस्क्यू के लिए पहुंची पटना व हैदराबाद से बिहार अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता के नेतृत्व में अधिकारियों, डॉक्टरों व एक्सपर्ट शूटरों की टीम दूसरे दिन भी बाघ की रेस्क्यू के लिए चिउटाहा वन क्षेत्र के जिमरी नौतनवा पंचायत में पहुंच जंगल व सरेहों की बीच कैंप कर रही हैं. बाघ का मूवमेंट मंगलवार को दोपहर तक रेस्क्यू टीम की पेट्रोलिंग में चिउटाहा के जिमरी सरेह से भटक कर कटहा सरेह में पहुंच चहलकदमी शुरू किया है.
बाघ की रेस्क्यू के लिए पूरी अधिकारियों के साथ रेस्क्यू टीम हाइ अलर्ट पर है. इस संबंध में बिहार के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक प्रभात कुमार गुप्ता ने बताया कि बाघ की रेस्क्यू करने के लिए पटना-हैदराबाद से रेस्क्यू एक्सपर्ट के साथ शूटर एक्सपर्ट की टीम लगातार दो दिनों से लगी हुई. बाघ ने अपना मूवमेंट जिमरी सरेह से बदल कर कटहा सरेह की ओर कर लिया है. बाघ की इस बदलते मूवमेंट को देखते हुए चिउटाहा वनक्षेत्र के सीमावर्ती इलाके को चारों तरफ से रेस्क्यू व वन कर्मियों की टीम के साथ घेर लिया गया है तथा रेस्क्यू के लिए आये शूटरों को तैनात कर दिया गया है. बस बाघ को दिखाई देने की जरूरत है.