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नेपाल में भारतीय रुपये की लेन-देन बंद, सीमावर्ती क्षेत्र समेत पर्यटकों की बढ़ी मुश्किलें

भारतीय पर्यटक भी इसके पूर्व आसानी से भारतीय रुपयों के साथ नेपाल के दूरदराज के पहाड़ी और तराई क्षेत्रों में भ्रमण के साथ पर्यटन का आनंद उठाते चले आए हैं. नेपाल के लगभग सभी स्थलों पर भारतीय रुपये आसानी से स्वीकार किए जाते थे.

वाल्मीकिनगर. भारत के पड़ोसी देश नेपाल में जहां भारत और नेपाल के बीच बेटी रोटी के साथ व्यापारिक संबंध है. वही जिन भारतीय पर्यटकों की चाहत पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र और दर्शनीय स्थलों के भ्रमण की है उनके लिए भारत का गौरव भारतीय रुपया पर्यटन के क्रम में जी का जंजाल साबित हो रहा है. दोनों देशों की मुद्रा की मानें तो भारतीय 100 रुपये नेपाली करेंसी के मुताबिक नेपाली 160 रुपये होता है और इसी दर पर वर्षों से व्यापारिक संबंध परवान चढ़ता आया है. भारतीय पर्यटक भी इसके पूर्व आसानी से भारतीय रुपयों के साथ नेपाल के दूरदराज के पहाड़ी और तराई क्षेत्रों में भ्रमण के साथ पर्यटन का आनंद उठाते चले आए हैं. नेपाल के लगभग सभी स्थलों पर भारतीय रुपये आसानी से स्वीकार किए जाते थे.

नेपाली भंसार कार्यालय में भी स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं भारतीय रुपये

वाल्मीकिनगर से सटे पड़ोसी देश नेपाल के नेपाली क्षेत्र में 36 नंबर फाटक के नजदीक स्थित नेपाली भंसार कार्यालय में इन दिनों भारतीय रुपये स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं. पर्यटकों को भारतीय रुपये को नेपाली रुपये में बदलने के बाद ही भंसार की सुविधा प्राप्त हो पा रही है. विश्वास सूत्रों की मानें तो इसके पूर्व भारतीय रुपया निर्धारित दर पर नेपाली क्षेत्र में चलन में था तो किसी भी पर्यटक को असुविधा नहीं होती थी. किंतु भारत सरकार द्वारा पिछले माह 2000 रुपये के नोट को बैंकों में वापस लेने की घोषणा के बाद भारतीय पर्यटकों को नेपाली क्षेत्र में पैसे के अवमूल्यन का शिकार होना पड़ रहा है.

भारतीय 1000 रुपये को मिल रहा 1000 से 1200 रुपये नेपाली

प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत नेपाल बॉर्डर क्षेत्र में भारतीय 1000 रुपये 1500 रुपये में परिचालन यानी लिया जा रहा है. कुल मिलाकर कहे तो भारतीय 1000 रुपये नेपाली 1600 रुपये के बराबर होगा. यानी बॉर्डर क्षेत्र में ही 100 का नुकसान. विश्वास सूत्रों की मानें तो नेपाल के भीतरी क्षेत्र यानी दूरदराज के क्षेत्रों में जहां से बॉर्डर दूर है वहां मनमाने रेट पर भारतीय रुपये को काफी जद्दोजहद के बाद चलन में लिया जा रहा है. नेपाल के दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में भारतीय 1000 रुपये नेपाली 1000 से 1200 रुपये के भाव में चलन में लाया जा रहा है. नेपाल जाने वाले पर्यटकों को भारतीय रुपया को नेपाली रुपया में बदलने के बाद ही पर्यटन का सुखद आनंद उठाने के लिए नेपाली क्षेत्र में प्रवेश करना अब जरूरी हो गया है.

बोले पर्यटक

नेपाल ने भारत को एक बार फिर से टेंशन दी है. नेपाल में भारतीय करेंसी से सामान खरीदना मुश्किल हो गया है. नेपाल की सरकार ने 100 से ऊपर की करेंसी पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिससे नेपाल में खरीदारी को जा रहे भारतीय लोग बैरंग वापस लौट रहे हैं. नेपाल के बदले व्यवहार से बिहार के सीमावर्ती जिले के सीमांत क्षेत्र के लोगों में आक्रोश है. इस बाबत बेतिया से आए पर्यटक गोबिंद सिंह ने बताया कि इस तरह की असुविधा पूर्व में नहीं होती थी. नेपाली क्षेत्र में भ्रमण को जाने के लिए अब भारतीय रुपयों को नेपाली रुपये में बदलना पड़ रहा है. निर्धारित रेट से कम रुपये प्राप्त हो रहे हैं. वही भंसार कार्यालय में भी अब भारतीय रुपये स्वीकार नहीं किए जा रहे हैं. रुपये के अवमूल्यन के कारण भारतीय पर्यटकों को भारी परेशानियां हो रही है.

नेपाल सरकार की नीति के तहत बंद हुआ लेन देन

लोगों ने कहा है कि नेपाल में सालों से भारतीय करेंसी से खरीदारी होती रही है, अब नेपाल के कारोबारियों के व्यवहार में आए बदलाव से वे हैरान हैं. पड़ोसी देश नेपाल के बाजार में व्यापारी इन दिनों भारतीय रुपये नहीं ले रहे हैं. दरअसल, नेपाल में भारत की 100 से ऊपर की करेंसी प्रतिबंधित है. वर्ष 2020-21 में इस संबंध में आदेश पारित किया गया था. इस विधेयक को इन दिनों सख्ती से लागू किया जा रहा है. इसी के चलते नेपाली व्यापारी भारतीय करेंसी लेने से मना कर रहेहैं इसके पीछे राजनीतिक कारण भी अहम माना जा रहा है. नेपाल में मौजूदा सरकार नेपाली करेंसी रूपैयां को ही बाजार में बढ़ावा देना चाहती है. इसे देखते हुए नेपाल सरकार ने बाजार में बड़े नोटों पर रोक लगा दी है. कुछ लोग करेंसी एक्सचेंज करवा रहे हैं तो इसके लिए कमीशन तक देना पड़ रहा है. पहले नेपाली करेंसी को भारतीय करेंसी में बदलने के लिए कमीशन देना पड़ता था, लेकिन अब ये उल्टा हो गया है.

नेपाली मजदूरों को सता रही चिंता

इस समस्या से भारतीय पर्यटक ही नहीं बल्कि सीमा पर कारोबार से जुड़े व्यापारी और भारत में रोजगार के लिए पहुंचनेवाले लाखों नेपाली नागरिक भी परेशान हैं. नेपाली कारोबारियों का कहना है कि नेपाली बाजार में भारतीय करेंसी की स्थिति बीते छह माह से कमजोर चल रही है. सीमांत जनपद में रोजगार के लिए पहुंचेने पाली मजूदरों को भी चिंता सता रही है. मजदूरों का कहना है कि भारतीय सीमावर्ती जिला मुख्यालय में मजदूरी का कार्य करते हैं. पूर्व में वेतन वापसी के रूप में मिले भारतीय करेंसी का ही नेपाल में इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब बाजार में करेंसी नहीं चल रही है. कोई व्यापारी ले भी रहा है तो वह भारतीय करेंसी की कीमत कम दे रहा है. भारतीय मुद्रा का मूल्य कम करना चिंता का विषय है. नेपाल के अधिकतर नागरिक रोजगार के लिए भारत पर ही निर्भर हैं.

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