बिहार पुलिस की नौकरी में ट्रांसजेंडर को मिलेगा आरक्षण, सभी जिलों में इस समुदाय से होंगे एक-एक दारोगा और चार-चार सिपाही
राज्य सरकार ने पटना हाइकोर्ट में शपथपत्र दायर कर कहा कि पुलिस की बहाली में ट्रांसजेंडर को आरक्षण दिया गया है.
पटना. राज्य सरकार ने पटना हाइकोर्ट में शपथपत्र दायर कर कहा कि पुलिस की बहाली में ट्रांसजेंडर को आरक्षण दिया गया है.
कोर्ट में कहा गया कि सभी जिलों में किन्नर समुदाय से एक-एक दारोगा और चार-चार सिपाहियों की तैनाती की जायेगी. कोर्ट ने किन्नरों को न्याय दिलाने वाली उस याचिका को बुधवार को निष्पादित कर दिया, जिसके तहत उन्हें अब पुलिस की नौकरी में आरक्षण मिलेगा.
हाइकोर्ट में राज्य सरकार ने एक हलफनामा दायर कर बुधवार यह जानकारी दी कि किन्नरों की संख्या राज्य की कुल आबादी का 0.039 प्रतिशत है. उसी आधार पर राज्य सरकार ने कोटा निर्धारित कर दिया है. यानी हर एक जिले में जब पुलिस बलों की नियुक्ति होगी, तो उसमें ऑफिसर के एक पद और कांस्टेबल के चार पदों पर किन्नरों की नियुक्ति होगी.
यदि पुष्ट जानकारी के मुताबिक इनकी आबादी अधिक हुई तो स्क्वायड और प्लाटून के रूप में गठित होगी. मालूम हो कि वीरा यादव ने एक लोकहित याचिका दायर की थी, जिस पर मुख्य न्यायाधीश संजय करोल की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय खंडपीठ में सुनवाई चल रही थी.
याचिकाकर्ता का कहना था कि किन्नरों को सामाजिक न्याय नहीं मिल रहा है. जो किन्नर पढ़े-लिखे और सभी कामों में कुशल हैं, उन्हें पुलिस में आरक्षण नहीं मिल रहा है.
इस पर राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर कहा कि किन्नरों के लिए पुलिस विभाग में स्पेशल यूनिट बना है, ताकि इनकी सामाजिक विसंगतियों को दूर किया जा सके.
निकट भविष्य में भी उन्हें अन्य प्रकार की सुविधाएं दी जायेंगी. राज्य सरकार के इस जवाब के बाद खंडपीठ ने याचिका को निष्पादित कर दिया.
Posted by Ashish Jha