बिहार की राजधानी पटना में जल्द ही मेंस्ट्रुअल कप बनाने की एक फैक्ट्री लगने वाली है. इस फैक्ट्री को सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के प्रयासों के तहत विशेष रूप से ट्रांसजेंडर लोगों द्वारा संचालित किया जाएगा. इसी तरह सामाजिक सुधार के लिए एक एनजीओ द्वारा कई और कदम उठाए जा रहे हैं. जिसके तहत कार्यालयों में कैंटीन स्थापित करना और लेजर उपचार केंद्र स्थापित करने जैसे कार्य किए जाएंगे.
एनजीओ दोस्ताना सफ़र की संस्थापक-सचिव रेशमा प्रसाद ने कहा कि राज्य के ट्रांसजेंडर लोगों के लिए रोजगार पैदा करने के लिए ये पहल किए जा रहे हैं. ट्रांसजेंडर द्वारा चलाए जाने वाले इन सेंटर से उत्पाद या सेवा की खरीद कोई भी व्यक्ति कर सकेगा. इस मेंस्ट्रुअल कप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पटना के गांधी मैदान के पास जमीन उपलब्ध कराई गयी है. बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में ट्रांसजेंडरों की आबादी 40,827 है.
राज्य ट्रांसजेंडर कल्याण बोर्ड की सदस्य रेशमा प्रसाद ने कहा कि यह संभवतः राज्य में पहली मासिक धर्म कप के निर्माण की इकाई होगी. उन्होंने बताया कि क्राउडफंडिंग के माध्यम से इस इकाई के लिए धन जुटाया गया और भवन का निर्माण किया गया. उन्होंने बताया कि अब फैक्ट्री के लिए मशीन की जरूरत है जिसके लिए धन एकत्र करने के विकल्प तलाशे जा रहे हैं. इसके लिए राज्य सरकार से भी संपर्क किया गया है.
मेंस्ट्रुअल कप रबर या सिलिकॉन से बने छोटे, लचीले, कीप के आकार के उपकरण होते हैं जिन्हें पीरियड्स के दौरान महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में डाला जाता है. कप अन्य तरीकों की तुलना में अधिक रक्त धारण कर सकते हैं, जिससे वे किफायती हो जाते हैं.
केंद्र सरकार के एक वैधानिक निकाय दिल्ली में नेशनल काउंसिल फॉर ट्रांसजेंडर पर्सन्स (NCTP) के सदस्य प्रसाद ने कहा कि पटना के बाहरी इलाके में पहले से ही एक ट्रांसजेंडर सामुदायिक छात्रावास में लेजर उपचार केंद्र काम कर रहा है. राज्य भर के विभिन्न कार्यालयों में ट्रांसजेंडरों द्वारा चलायी जाने वाली कैंटीन ‘किन्नर की रसोई’ स्थापित करने का भी प्रस्ताव रखा गया है.
ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता अभिना अहेर ने कहा कि समुदाय के लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के किसी भी प्रयास की सराहना की जानी चाहिए. सरकार को इन पहलों के समर्थन में आना चाहिए. हम जल्द ही कुछ मंत्रालयों के सहयोग से नई दिल्ली में ट्रांसजेंडर लोगों के लिए उद्योग मेले का आयोजन करेंगे.
एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल स्टडीज (पटना) के सहायक प्रोफेसर विद्यार्थी विकास ने कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस समुदाय के लोगों को हर क्षेत्र में समान अवसर मिले. उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने से लेकर इस समुदाय के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए.