बिहारशरीफ. अब अगर लंबे समय तक दाखिल खारिज का मामला लंबित रहा तो अधिकारी का फंसना तय है. इसे लेकर जिला पदाधिकारी खुद मॉनिटरिंग करेंगे. यह मामला किस अधिकारी के स्तर पर कितने मामले लंबित है. इसकी सूचना प्रत्येक सप्ताह जिलाधिकारी को मिलती रहेगी.
भूमि एवं राजस्व सुधार विभाग अधिक मामलों का निष्पादन करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत करेगी. वहीं लापरवाही व शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों को दंडित भी किया जायेगा. जमीन की खरीद करने वाले लोगों को निबंधन कराने के बाद म्यूटेशन, दाखिल-खारिज के लिए अंचल कार्यालयों का चक्कर लगाना पड़ता है.
राजस्व कर्मचारी के आगे-पीछे भी महीनों तक करना पड़ता है. इस समस्या से निजात दिलाने के लिए राज्य सरकार के नियम में बदलाव किया गया है और म्यूटेशन, दाखिल-खारिज करने से संबंधित अधिकारियों के लिए समय निर्धारित कर दिया गया है. दाखिल-खारिज के मामले में अधिकारियों और कर्मियों की लापरवाही व शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
सरकार ने अब पूरी व्यवस्था के लिए प्वाइंट और डिले नोटिफिकेशन नाम से बेब एपलीकेशन विभाग ने बनाया है. पहले दाखिल-खारिज के मामलों को जानबूझकर लटकाने व घूस लेने की शिकायत विभाग को बराबर मिलती रहती थी, जिसे दूर करने के लिये नयी व्यवस्था सरकार ने की है.
नये एप लागू होने से दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में पारदर्शिता आयेगी और लाभुकों को पता करना आसान हो जायेगा कि आवेदन किस स्तर पर कितने दिनों से पेंडिंग है. कार्य पूर्ण करने की समय सीमा भी तय है.
नयी व्यवस्था लागू होने और ऐप के शुरू होने से अगर कोई कर्मचारी तय समय सीमा से अधिक समय तक कोई आवेदन अपने पास रोककर रखता है तो उसकी पूरी जानकारी संबंधित सीओ के पास चली जायेगी और अगर संबंधित सीओ निर्धारित समय सीमा पर दाखिल-खारिज, म्यूटेशन कार्य नहीं करते हैं तो संबंधित डीएम को इस बात की जानकारी मिल जायेगी. इसके बाद संबंधित लोगों पर कार्रवाई की गाज गिरना तय है. अभी फिलहाल दाखिल-खारिज के लिये ऑनलाइन में निर्धारित समय सीमा 35 दिनों की है.
Posted by Ashish Jha