राज्य में चलने वाली गाड़ियों में स्पीड मीटर चालू रखना अनिवार्य है, वरना परिवहन विभाग के डीटीओ एवं एमवीआइ नियमानुसार जुर्माना काटेंगे. विभाग ने सभी अधिकारियों को इसको लेकर दिशा-निर्देश भेजा है. विभागीय समीक्षा में पाया गया है कि 70 प्रतिशत लोगों की गाड़ियों में स्पीड मीटर खराब रहता है. इस कारण से चालक ओवर स्पीड में गाड़ी चलाते हैं और अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. विभाग ने राज्य में ओवर स्पीड में चलने वाली गाड़ियों पर नयी योजना के तहत काम किया जा रहा है.
विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आयी है कि तेज गाड़ियों का चालान ऑनलाइन काटा जा रहा है. बावजूद इसके गाड़ियों की रफ्तार तय गति सीमा से अधिक रहती है. इन गाड़ियों को पकड़ने के लिए ऑफलाइन भी चालान काटा जा रहा है. वहीं, ऑनलाइन चालान काटने के लिए कैमरे लगाये गये हैं. जहां कैमरे के माध्यम से ऑनलाइन चालान नहीं कट रहा है. उन जगहों के कैमरे में चिह्नित गाड़ियों को बाद में ऑनलाइन चालान भेजा जा रहा है.
सभी प्रकार की सड़कों और वाहनों के प्रकार के लिए स्पीड लिमिट निर्धारित है. इसका प्रचार- प्रसार करने के लिए सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि बस मालिक के साथ बैठक कर इसकी जानकारी दें, ताकि तेज रफ्तार से चलने वाली गाड़ियों पर पूर्ण रूप से अंकुश लग सके. प्रचार-प्रसार में स्पीड मीटर के बारे में भी लोगों को अवगत कराएं और उन्हें मीटर के फायदें समझाएं.