परिवहन विभाग का 18 हजार वाहनों पर 20 करोड़ बकाया, जानें टैक्स डिफॉल्टरों को कैसे और कितनी मिल रही है छूट
टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिकों को नोटिस भेजने की कार्रवाई चल रही है. विभाग की ओर से सर्वक्षमा योजना के संबंध में निर्देश जारी होने पर आगे की कार्रवाई होगी.
टैक्स डिफॉल्टर वाहनों पर परिवहन विभाग का करीब 20 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है. इसकी वसूली के लिए विभाग वाहन मालिकों को नोटिस भेज रहा है. अब तक करीब चार हजार से अधिक वाहन मालिकों को नोटिस भेजा चुका है. सरकार ने ऐसे डिफॉल्टर को बड़ी राहत देते हुए सर्वक्षमा योजना (ओटीएस) घोषणा की है. इसके तहत टैक्स डिफॉल्टर वाहनों को मूल टैक्स में छूट नहीं मिली है, लेकिन जुर्माना की राशि पर 70 प्रतिशत की छूट दी गयी है.
डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिकों को नोटिस भेजने की कार्रवाई चल रही है. विभाग की ओर से सर्वक्षमा योजना के संबंध में निर्देश जारी होने पर आगे की कार्रवाई होगी. फिलहाल 15 साल पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने वाले वाहन मालिकों के लिए टैक्स व अर्थदंड में छूट की योजना शुरू हो चुकी है. कार्यालय में इससे संबंधित नोटिस लगाया गया है.
कैसे और कितनी मिलेगी छूट
जुर्माना की राशि (अर्थदंड) में 70 प्रतिशत की छूट का अर्थ यह हुआ कि टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिक पर मूल टैक्स के अतिरिक्त एक लाख रुपये जुर्माना है, यानी एक लाख रुपये टैक्स व एक लाख जुर्माना. तो वाहन मालिक को दो लाख की जगह एक लाख रुपये मूल टैक्स व जुर्माना की राशि में एक लाख की जगह 30 हजार रुपये देने होंगे. इसमें उन्हें 70 प्रतिशत की छूट मिलेगी. वहीं ट्रैक्टर-ट्रेलर डिफॉल्टर एक मुश्त 30 हजार रुपये जमा कर बकाया से मुक्त हो सकते हैं. इस संबंध में अधिसूचना जारी होने के बाद टैक्स डिफॉल्टर वाहन मालिकों को इसका लाभ मिलेगा.
स्क्रैप होने वाले वाहनों पर अलग छूट
15 साल से अधिक आयु के स्क्रैप किये जाने वाले वाहनों पर पहले से बकाये में एक मुश्त छूट प्रदान की गयी है. इसमें सरकारी वाहनों पर सभी तरह के पहले बकाये को पूरा माफ कर दिया गया है. वहीं गैर परिवहन वाहन में टैक्स में 90 प्रतिशत और अर्थदंड में 100 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी है. वहीं परिवहन वाहन के टैक्स में 90 प्रतिशत और अर्थ दंड में 100 प्रतिशत की छूट प्रदान की गयी है. इस संबंध में टैक्स काउंटर पर नोटिस चिपकाया गया है. इस योजना का लाभ लेने के लिए अबतक एक भी वाहन मालिक जिला परिवहन कार्यालय नहीं पहुंचे हैं.