बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने पीपीपी मोड में राज्य के एक-दूसरे जिलों में आने जाने के लिए 62 बसें और बिहार से झारखंड के लिए 38 बसों को चलाने का निर्णय लिया है. इसके लिए इच्छुक एजेंसियों से 30 नवंबर तक आवेदन मांगा गया है. परिवहन अधिकारियों के मुताबिक बिहार के अंदर और राज्य से झारखंड के विभिन्न शहरों के कई लिए रूट खाली हैं. यात्रियों को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से निगम ने इन खाली रूटों पर बस चलाने का निर्णय लिया गया है.
पटना से सीतामढ़ी के बीच 11 बसें, लहेरियासराय से पटना के लिए चार, नवादा से बिहारशरीफ के आठ, मधुबनी से पटना के लिए पांच, पटना से नवादा के लिए चार, पटना से पूर्णिया के लिए दो, पटना से निर्मली के लिए दो, पटना से दरभंगा के लिए दो और पटना से पाली के लिए दो बसें चलायी जायेंगी. वहीं, बेला से पटना, बेलाव से पटना, कुबड़ी से पटना, कौआकोल से मुंगेर, चेनारी से पटना, समस्तीपुर से पटना, पूर्णिया से बेगूसराय, घोघरडीहा से पटना, सहार से पटना, सुपौल से पटना, परसौनी से पटना, पटना से सासाराम और झंझारपुर से पटना के बीच एक-एक बसें चलायी जायेंगी. साथ ही पूर्णिया से रूपौली के लिए दो, किशनगंज से टेढ़ागाछ, पटना से अरेराज और मुजफ्फरपुर से देवरिया के बीच दो-दो बसें चलेंगी.
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गया से टाटा के लिए चार, गया से बोकारो के लिए चार, गया से रांची के लिए दो, गया से देवघर के लिए दो, गया से धनबाद के लिए दो, हजारीबाग से गया के लिए दो, पाली से रांची के लिए दो, नवादा से रांची के लिए दो, पटना से रांची के लिए चार, पटना से टाटा के लिए चार, पटना से देवघर के लिए दो, पटना से दुमका के लिए दो, पटना से हजारीबाग के लिए दो, बिहारशरीफ से बोकारो के लिए दो और पटना से डाल्टेनगंज के लिए दो बसें चलेंगी. इसी तरह बिहार के विभिन्न शहरों के बीच 27 रूटों और बिहार से झारखंड के विभिन्न शहरों के बीच 15 रूटों पर बस चलाने के लिए एजेंसियों से आवेदन मांगा गया है. अधिकारियों के मुताबिक 2023 मार्च से पहले बसों का परिचालन शुरू हो जायेगा.