Artificial Intelligence से बिहार के सरकारी अस्पतालों में होगा इलाज, जानिए मरीजों को क्या होगा लाभ
स्वास्थ्य विभाग द्वारा माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से चार अस्पतालों में अलग-अलग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के पांच अस्पतालों में पहली बार पांच प्रकार के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने वाले पायलट प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है.
बिहार के सरकारी अस्पतालों में अब पहली बार मशीन और साॅफ्टवेयर का उपयोग कर मरीजों की जांच और सर्जरी की जायेगी. एमबीबीएस के विद्यार्थियों को शरीर रचना (एनाटॉमी) विषय में एक-एक अंगों की जानकारी साॅफ्टवेयर देगा. मशीन व साॅफ्टवेयर की मदद से किडनी, लीवर और कैंसर सहित सभी प्रकार की जटिल सर्जरी की प्लानिंग पहले की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के पांच अस्पतालों में पहली बार पांच प्रकार के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने वाले पायलट प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखा दी है.
राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं में आने वाली चुनौतियों और डॉक्टरों की कमी, हर घर स्वास्थ्य सुविधा को पहुंचाने, मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग करने का निर्णय लिया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा माइक्रोसॉफ्ट के सहयोग से चार अस्पतालों में अलग-अलग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जायेगा. इसमें सदर अस्पताल वैशाली और गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल पटना सिटी में डिजिटल ऑप्टोमेट्री का प्रयोग होगा, जबकि इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में प्री सर्जिकल प्लानिंग की जायेगी. पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल एडुकेशन एंड एनाटॉमी लैब स्थापित की जा रही है. इसी प्रकार से वैशाली जिला के राघोपुर अस्पताल में एचडी मेडिकल के सहयोग से एआइ इनेबल्ड स्टेथोस्कोप का पायलट प्रोजेक्ट चलाया जायेगा.
डिजिटल ऑप्टोमेट्री का लाभ
इस एआइ सॉफ्टवेयर से मरीजों के आंख की जांच की जायेगी. इससे चश्मा का पावर, प्रेशर, ग्लूकोमा और सर्जरी के लिए सटीक जांच संभव हो जायेगी. यह काम चिकित्सक के बिना भी संभव होगा. मशीन से यह काम लिया जायेगा. इसका उपयोग गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल व वैशाली जिला अस्पताल में होगा.
प्री सर्जिकल प्लानिंग का लाभ
विशेषज्ञों का कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से किसी भी जटिल ऑपरेशन की सर्जरी आसान हो जायेगी. जैसे किडनी, लिवर और कैंसर जैसे ऑपरेशन की जांच की रिपोर्ट टू-डी पिक्चर में प्राप्त होती है.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अब उसी पिक्चर को थ्री-डी में देखा जायेगा.ऑपरेशन के पहले किसी भी सर्जरी वाले अंग या स्थान का सभी दिशाओं में घुमाकर देखा जा सकता है. ऑपरेशन के पहले ही चिकित्सकों प्लानिंग करने से सर्जरी में किसी तरह की त्रुटि की गुंजाइश समाप्त हो जायेगी. यह एआइ इंदिरागांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में उपयोग किया जायेगा.
मेडिकल एडुकेशन एंड एनाटॉमी लैब का लाभ
मेडिकल के विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए शव प्राप्त नहीं हो रहे हैं. साथ ही एक शव पर कई विद्यार्थियों को एनाटॉमी की पढ़ाई करनी पड़ती है. एआइ आधारित एनाटॉमी लैब के स्थापित होने से विद्यार्थी अब पूरे शरीर की रचना और क्रियाओं की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे. यह लैब पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल में उपयोग में लाया जायेगा.
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इनेबल्ड स्टेथोस्कोप का लाभ
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से स्टेथोस्कोप का प्रयोग अब कोई भी सामान्य आदमी कर सकता है. अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है. ऐसी स्थिति में इनेबल्ड स्टेथोस्कोप के माध्यम से उसका हर्ट रेट सहित हार्ट की सभी जांच मशीन द्वारा रिकाॅर्ड की जायेगी. इस रिपोर्ट को कही भी भेजकर विशेषज्ञ से राय ली जायेगी. हर्ट एटैक और हाइब्लड प्रेशर जैसी रोगियों के लिए यह लाभकारी होगा. इसका उपयोग वैशाली के राघोपुर में किया जायेगा.