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बिहार में सड़क हादसे के बाद मुआवजा मिलना होगा आसान, सभी जिलों में बनेगी ट्रिब्यूनल

बिहार के जिलों में दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के गठन के बाद वाहन दुर्घटना के पीड़ित या प्रभावित लोगों के द्वारा दायर दुर्घटना के मामलों का नियमानुसार जिले में ही त्वरित निष्पादित किया जायेगा.

पटना. पदोन्नति के अभाव में गृह विभाग के तहत अनुसंधान करने वाले पदाधिकारियों की कमी दूर करने के लिए राज्य सरकार ने 2832 पीटीसी प्रशिक्षण पास सिपाहियों को अनुसंधान की जिम्मेदारी सौंपने का फैसला लिया है. ऐसे सिपाही पदोन्नति की कगार पर हैं. अब उनको अनुसंधान की शक्तियां मिल जायेगी और वे न्यायालयों में लंबित केस का अनुसंधान कर सकेंगे. पदोन्नति में आरक्षण का मामला सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है, जिससे पदोन्नति अवरूद्ध है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में गृह विभाग के इस प्रस्ताव के साथ कुल 11 प्रस्तावों की स्वीकृति दी गयी. कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ एस सिद्धार्थ ने बताया कि कैबिनेट की स्वीकृति मिलने के बाद पीटीसी पास सिपाहियों को अन्य राज्यों के समान अनुसंधान का कार्य लिया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि इनका रैंक एएसआइ के नीचे होता है. कैबिनेट ने बिहार पुलिस हस्तक 1978 में आवश्यक संशोधन करने की स्वीकृति दी है.

हर जिले में दुर्घटना के क्लेम को लेकर न्यायाधिकरण का होगा गठन

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने हर जिले में वाहन दुर्घटना दावा के वादों के निबटारे के लिए दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के गठन की मंजूरी दी गयी है. जिलों में दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण के गठन के बाद वाहन दुर्घटना के पीड़ित या प्रभावित लोगों के द्वारा दायर दुर्घटना के मामलों का नियमानुसार जिले में ही त्वरित निष्पादित किया जायेगा. इसके लिए कैबिनेट ने बिहार मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (गठन एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 की स्वीकृति दी है.

अब जिलों में गठित होनेवाले न्यायाधिकरण में एक सेवानिवृत्त न्यायिक पदाधिकारी की अध्यक्षता में ट्रिब्यूनल का गठन किया जायेगा. उन्होंने बताया कि अभी तक राज्य में सिर्फ एक ट्रिब्यूनल था और भुगतान राज्य सरकार व बीमा कंपनी करती थी. अब हर जिले में न्यायाधिकरण गठित होने से वादों का निबटारा जल्द हो जायेगा. ट्रिब्यूनल के माध्यम से ही भुगतान कराया जायेगा.

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प्रोटोकॉल संवर्ग के अधिकारी के 15 पद सृजित

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि बिहार राज्य में अति विशिष्ट, विशिष्ट व गणमान्य महानुभावों के आवासन, वाहन एवं आतिथ्य की व्यवस्था के लिए दिल्ली, पटना और गया एयरपोर्ट पर प्रोटोकॉल संवर्ग पदाधिकारियों की तैनाती की जायेगी. कैबिनेट ने बिहार राज्य प्रोटोकॉल संवर्ग के विभिन्न कोटि के 15 पदों के सृजन के साथ बिहार प्रोटोकॉल संवर्ग (भर्ती एवं सेवा शर्त) नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गयी है. प्रोटोकॉल संवर्ग में एक प्रोटोकॉल मैनेजर, चार सीनियर प्रोटोकॉल ऑफिसर और 10 पदों पर प्रोटोकॉल ऑफिसर की तैनाती की गयी है. ये प्रोटोकॉल ऑफिसर तीनों एयरपोर्ट पर 24 घंटे सेवाएं देंगे जिससे महानुभावों के वाहन व आतिथ्य की व्यवस्था में परेशानी नहीं हो.

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