पटना. राज्यभर में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत या गंभीर रूप से घायलों को सरकारी राहत देने के लिए राज्य स्तरीय दावा न्यायाधिकरण का गठन होगा. परिवहन विभाग ने इस संबंध में निर्णय लिया है. इसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से राज्य में होने वाली सड़क दुर्घटना के हताहत हुए लोग मुआवजा राशि के लिए दावा कर सकेंगे.
हाल ही में राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सड़क दुर्घटना में मौत होने पर परिजनों को पांच लाख और गंभीर रूप से घायलों को ढाई लाख दिये जायेंगे. इसके बाद विभाग ने न्यायाधिकरण बनाने का निर्णय लिया है.
अधिकारियों के अनुसार मोटर वाहन दुर्घटना जनित व्यक्ति की मृत्यु अथवा गंभीर रूप से घायल व्यक्ति या संपत्ति की क्षति के लिए राज्य स्तरीय दावा न्यायाधिकरण गठित किया जायेगा. मोटर वाहन अधिनियम की धारा 165 के तहत इस न्यायाधिकरण का गठन किया जायेगा.
परिवहन विभाग के नियंत्रण में राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण तात्कालिक प्रभाव से सक्षम न्यायाधिकरण होगा, लेकिन राज्य सरकार काम की अधिकता को देखते हुए आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त दावा न्यायाधिकरण का गठन या उसके के क्षेत्राधिकार का निर्धारण कर सकेगी.
अनुमंडल पदाधिकारी यह आवेदन विशेष दूत के माध्यम से या इ-मेल द्वारा दावा न्यायाधिकरण को प्रेषित करेंगे. दावा न्यायाधिकरण द्वारा आवेदन को मुआवजा के लिए वाद के रूप में स्वीकार किया जाये. इसके लिए कोई शुल्क देय नहीं होगा.
न्यायाधिकरण अधिकतम 60 दिनों के अंदर मुआवजा की राशि का निर्धारण कर सकेगा. दावा निष्पादन प्रक्रिया के लिए दावा न्यायाधिकरण स्थल पर स्थानीय निरीक्षण अथवा अन्य गवाहों का परीक्षण अपेक्षित नहीं होगा.
राज्य स्तरीय दावा न्यायाधिकरण में अतिरिक्त सदस्यों की नियुक्ति हो सकेगी. बिहार मोटर- वाहन संशोधन नियमावली के माध्यम से इन नियमों के लागू होने पर मोटर दुर्घटना दावा वाद राज्य स्तरीय दावा न्यायाधिकरण में दर्ज किये जा सकेंगे. पहले के जो भी दावा आवेदन विभिन्न जिलों में गठित न्यायाधिकरण में लंबित हैं, पूर्व निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ही निष्पादित किये जायेंगे.
अंतरिम मुआवजा राशि का मूल्यांकन अंतिम भुगतान के अनुरूप या पीड़ित व्यक्तियों की ओर से दावा न्यायाधिकरण के समक्ष दावा आवेदन अनुमंडल पदाधिकारी के यहां जारी होने वाले प्रपत्र में प्रेषित किया जायेगा. दावा न्यायाधिकरण में आवेदन दाखिल करने के लिए एवं पीड़ित व्यक्ति द्वारा दुर्घटना अधिकारी को अधिकृत किया जा सकेगा.
Posted by Ashish Jha