पटना के डंपिंग यार्ड में कचरा चुन रहे नाबालिग पर ही हाइवा ने डाल दिया कचरा, चली गई जान
मृत बच्चे की चाची काजल देवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रक चालक ने बगैर देखे हुए कचरा उसके शरीर पर गिरा दिया. एक ट्रक कचरा किसी के शरीर पर गिरने के बाद वह कहां बच पाता. दम घुटने की वजह से भतीजे की मौत हुई है.
पटना के जीरो माइल कचरा डंपिंग यार्ड में कूड़ा बीन रहे नाबालिग की कचरे के नीचे दबने से मौत हो गयी है. 16 वर्षीय नाबालिग करण कुमार कदमकुआं थाना क्षेत्र के लोहानीपुर का रहने वाला है. घटना शुक्रवार की सुबह 10 से 11 बजे के बीच की है, जब वह डंपिंग यार्ड में कचरा बीन रहा था. इसी दौरान कचरा ट्रक चालक ने नाबालिग के ऊपर कचरे को डंप कर दिया, जिसमें दबकर उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. घटना की जानकारी तब हुई, जब मोहल्ले के लड़के ने कचरे में उसे दबा देखा. खबर मिलते ही मौके पर मौजूद नगर निगमकर्मियों में हड़कंप मच गया.
परिवार वालों ने आरोप लगाया कि जब जेसीबी को कचरा हटाने के लिए कहा गया, तो उसने कचरा सहित करण को दूसरी जगह फेंक दिया. इसके बाद वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह कचरा हटाया और दबे कचरे के नीचे से करण को बाहर निकाला. लोग करण को तुरंत एक निजी अस्पताल ले गये, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इसके बाद स्थानीय पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.
परिजनों ने किया हंगामा
मौत की सूचना मिलते ही परिवार में हड़कंप मच गया. करण तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर था. पिछले साल पिता की मौत हुई थी. करण की मौत के बाद मां रोते हुए बांकीपुर अंचल कार्यालय पहुंच गयीं. वहीं पीछे-पीछे आक्रोशित स्थानीय लोग भी करण के शव को लेकर पहुंच गये. हंगामे की सूचना मिलते ही मौके पर कदमकुआं थानाध्यक्ष विमलेंदू दलबल के साथ पहुंच गये. मृतक की चाची ने कहा कि वह रोज कचरा चुनने जाता था.
Also Read: बिहार: नागरमल के मॉल और दुकानों के शटर खुलते ही CGST की टीम ने बोला धावा, जानें क्यों हुई छापेमारी
दम घुटने की वजह से मौत
चाची काजल देवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रक चालक ने बगैर देखे हुए कचरा उसके शरीर पर गिरा दिया. एक ट्रक कचरा किसी के शरीर पर गिरने के बाद वह कहां बच पाता. दम घुटने की वजह से भतीजे की मौत हुई है. उन्होंने बताया कि नगर निगम परिजनों को मुआवजा दे और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे, ताकि घर के सदस्यों का जीवनयापन हो सके. थानेदार ने बताया कि आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया गया है.