रोहतास. भारी बारिश के बाद सोन नदी में बढ़े जलस्तर ने नदी में फंसे ट्रकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. चौथे दिन किसी तरह आठ ट्रकों को बाहर निकाला गया. लेकिन, पानी की धार के कारण अन्य फंसे करीब 20 ट्रकों के रेस्क्यू में परेशानी आ रही है. आलम यह कि रविवार को भी करीब 20 ट्रकों को नदी से बाहर नहीं निकाला जा सका. गौरतलब है कि इंद्रपुरी थाना क्षेत्र के कटार बालू घाट के सामने 29 जून की रात सोन नदी में अचानक पानी बढ़ने से बालू निकालने गये करीब 28 ट्रक फंस गये. सोन नदी में लगातार पानी के बहाव के कारण रास्ता बनाने का कार्य बाधित होने से इन ट्रकों का रेस्क्यू नहीं हो पा रहा है, जबकि कई पोकलेन, हाइड्रा, जेसीबी मशीनें लगी हैं. लेकिन, वे रास्ता बनाने में कामयाब नहीं हो पा रही हैं. पानी के तेज बहाव के कारण बालू भरी बोरियां टिक नहीं पा रही हैं.
शनिवार और रविवार को बारिश ने सोन नदी में फंसे ट्रकों के मालिकों, चालकों व सहचालकों की परेशानी बढ़ा दी. सोन नदी या उसके किनारे सिर छिपाने की जगह नहीं है. जहां-तहां लोग बारिश से अपने को बचाने के लिए शरण लिये हुए हैं. नदी में फंसे ट्रकों में बैठना खतरे से खाली नहीं है. अगर नदी का जलस्तर और बढ़ा, तो ट्रकों के डूबने की आशंका सता रही है. दो ट्रक पहले से ही नदी में डूबे हुए हैं.
सोन नदी में फंसे ट्रकों पर चोरों की नजर पड़ गयी है. पुलिस का पहरा नहीं होने से दो ट्रकों से छह टायर व दो बैटरियों के साथ कई सामान की चोरी कर ली गयी है. इस संबंध में कैमूर जिला के मोहनिया निवासी ट्रक मालिक विकास सिंह ने बताया कि उनके ट्रक नंबर बीआर 45जी 5005 और बीआर 45 जी 8888 से कुल छह टायर, दो बैटरियों के साथ जैक और अन्य सामान की चोरी हो गयी है. इसकी सूचना पुलिस को दी गयी है. वहीं, कैमूर के ही देवरिया निवासी अमन कुमार ने बताया कि उनका ट्रक नंबर यूपी 70 एफटी 2424 पूरी तरह पानी में डूबा है.
सोन नदी में फंसे ट्रकों के रेस्क्यू का काम घाट संचालकों के भरोसे चल रहा है. रविवार को ट्रकों को देखने पहुंचे डेहरी एसडीओ सुनील कुमार सिन्हा ने कहा कि घाट संचालकों के द्वारा रेस्क्यू का काम चल रहा है. कुछ ट्रकों को निकाला गया है. रास्ता बनाने का काम घाट संचालक कर रहे हैं. वहीं, कैमूर के रामगढ़ निवासी ट्रक चालक सुभाष यादव ने कहा कि अगर प्रशासन पटना से पीपा मशीन मंगा लेता, तो अब तक सभी ट्रक नदी से बाहर होते. लेकिन, प्रशासन की ओर से कोई सुविधा यहां नहीं है. जो कुछ कर रहे हैं, घाट संचालक के लोग ही कर रहे हैं.
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वर्तमान समय में इंद्रपुरी बराज में 14811 क्यूसेक पानी उपलब्ध है. शनिवार को बराज में 17095 क्यूसेक पानी उपलब्ध था. रविवार को रिहंद जलाशय से 2200 क्यूसेक और बाणसागर जलाशय से 6000 क्यूसेक पानी बराज को मिला. जल संसाधन विभाग डेहरी के मुख्य अभियंता अश्विनी कुमार ने बताया कि रविवार को 12 बजे दिन में बराज में 14831 क्यूसेक पानी उपलब्ध है. बराज से पूर्वी संयोजक नहर में 4250 क्यूसेक, पश्चिमी संयोजक नहर में 5511 क्यूसेक और पश्चिमी संयोजन समांतर नहर में 1308 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. बराज पर पानी का लेवल 355 फुट है. वर्तमान में बराज के 69 फाटक में से तीन फाटक को खोल कर सोन नदी में 3757 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. उन्होंने कहा कि नहरों में पर्याप्त मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है. किसान इसका लाभ उठा सकते हैं. वे अपने खेतों में पानी की व्यवस्था कर लें. गांव के तालाब, आहार, पोखर में पानी संचय कर सकते हैं.