मुजफ्फरपुर में AES के लक्षण वाले दो बच्चे अस्पताल में भर्ती, ग्रामीण बच्चों को ज्यादा बीमार बना रहा संक्रमण

बिहार में बढ़ती गर्मी के बीच चमकी बुखार (AES) के मामले लगातार बढ़ते जा रहा है. बताया जा रहा है कि दो और बच्चों में एईएस संक्रमण के लक्षण देखने को मिले. दोनों बच्चे मुजफ्फरपुर के बरुराज और बोचहा के रहने वाले हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 19, 2023 10:59 AM

बिहार में बढ़ती गर्मी के बीच चमकी बुखार (AES) के मामले लगातार बढ़ते जा रहा है. बताया जा रहा है कि दो और बच्चों में एईएस संक्रमण के लक्षण देखने को मिले. दोनों बच्चे मुजफ्फरपुर के बरुराज और बोचहा के रहने वाले हैं. अगर इन बच्चों में एईएस की पुष्टि होती है तो राज्य में संक्रमण का मामला 50 के ऊपर चला जाएगा. सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा ने बताया कि पीड़ित बच्चों का इलाज बेहत तरीके से चल रहा है. अगर बच्चे समय पर अस्पताल में पहुंच जाते हैं तो हम उनकी जान बचा लेते हैं. इस वर्ष अभी तक करीब 50 बच्चे एईएस से संक्रमित पाये गए हैं.

पांच साल से कम उम्र वाले अधिक बच्चे एइएस से हो रहे पीड़ित

उत्तर बिहार में एइएस से अब तक पीड़ित हुए बच्चों में सबसे अधिक पांच साल से कम उम्र के हैं. मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, सीतामढ़ी, बेतिया और शिवहर से पीड़ित होकर एसकेएमसीएच के पीकू में भर्ती बच्चे भी पांच साल से कम के थे. स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार जिले के 30 बच्चे पीड़ित हुए हैं, उसमें 21 बच्चों की उम्र पांच साल से कम है. ये सभी वे बच्चे हैं, जो धूप में घर से बाहर खेलने भी नहीं गये. इसके बाद भी इन बच्चों में एइएस की पुष्टि हुई है. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि जब शाेध किया, ताे पाया गया कि सामान्य बच्चाें का माइटोकॉन्ड्रिया 4 से 5 प्रतिशत क्षतिग्रस्त हाे रहा है़ लेकिन गरीब परिवार के शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों का माइटोकॉन्ड्रिया 40 प्रतिशत तक क्षतिग्रस्त हाे जा रहा है.

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बिहार के 12 जिलों में फैला चमकी बुखार

बिहार के 12 जिलों में एइएस (चमकी बुखार) पीड़ितों में सबसे अधिक मुजफ्फरपुर जिले के बच्चे पीकू में भर्ती हुए हैं. इसमें ग्रामीण परिवेश के बच्चे ज्यादा एइएस से पीड़ित हो रहे हैं. शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ गोपाल शंकर सहनी का कहना है कि लगातार बढ़ रही गर्मी और उसके बाद उमस भरी गर्मी की वजह से फिर चमकी बुखार से जुड़े मामले में तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में माता-पिता को बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत है.

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