Bihar News: पश्चिमी चंपारण में दो मगरमच्छ ट्रेन में कट गए. गोरखपुर व नरकटियागंज रेलखंड पर बगहा-वाल्मीकिनगर रोड रेलवे स्टेशन के बीच मंगलपुर औसानी हॉल्ट के पास सोमवार को ट्रेन की चपेट दोनों मगरमच्छ आ गए. दोनों मगरमच्छ की कटकर मौत हो गयी. मगरमच्छ के कटने की सूचना रेलवे कर्मचारी द्वारा बगहा वन विभाग को दी गयी. सूचना पर वन कर्मियों की टीम पहुंची और जांच पड़ताल शुरू किया गया. दोनों मगरमच्छों की मौत हो गयी.
वन विभाग के कर्मियों ने रेलवे लाइन के बीच दो भागों में कटे एक मृत मगरमच्छ और दूसरा ट्रेन की टक्कर से चोटिल हुए मृत मगरमच्छ को कब्जे में ले लिया. बगहा वन प्रक्षेत्र अधिकारी सुनील कुमार ने बताया कि वन कर्मियों की टीम घटनास्थल पर पहुंच रेलवे ट्रैक पर अज्ञात ट्रेन से कटकर मरे दो मगरमच्छ के शव को बरामद कर बगहा वन प्रक्षेत्र कार्यालय लाई है. उन्होंने बताया कि एक मगरमच्छ कटकर दो भाग में बंट गया था. जबकि दूसरा मगरमच्छ की ट्रेन की टक्कर से चोटिल हो गया था. दोनों की मौत हो गयी. दोनों मृत मगरमच्छ का पोस्टमार्टम कर दफना दिया गया. मगरमच्छ किस ट्रेन से कटे इसकी जांच पड़ताल कर कार्रवाई की जा रही है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि दोनों मगरमच्छ को कई बार रेलवे लाइन के करीब देखा गया था. यह मगरमच्छ जब भी सुबह में दिखाई देते थे तो जोड़े में ही दिखते थे. रविवार के दिन दोनों मगरमच्छ पोखर से निकलकर रेलवे लाइन के किनारे गड्ढे में आ गए थे और रेलवे लाइन के किनारे भ्रमण कर रहे थे. वही सोमवार को देखा गया तो किसी ट्रेन से कटकर दोनों मगरमच्छ की मौत गयी थी.
Also Read: बिहार: भागलपुर के फेमस स्कूल में छात्रा से दो शिक्षकों ने किया दुष्कर्म, स्पोर्ट्स रूम बुलाकर करते थे गंदा काम
बता दें कि मगरमच्छ के ट्रेन से कटने की घटना यहां पूर्व में भी हो चुकी है. इसी रेलखंड पर कुछ महीने पहले एक मगरमच्छ की मौत हो गयी थी. मंगलपुर गुमटी नंबर 54 के पास मगरमच्छ का शव मिला था. वनकर्मियों की टीम सूचना मिलने पर पहुंची तो पाया था कि मगरमच्छ दो हिस्सों में बंट गया है. ट्रेन से कटकर मरे मगरमच्छ के शव को पोस्टमॉर्टम के बाद दफना दिया गया था.
उधर, भागलपुर में फिर एकबार मगरमच्छ देखा गया है. कुछ दिनों पहले लोगों ने घोघा क्षेत्र में श्मशान घाट, स्नान घाट व अन्य घाटों पर मगरमच्छों को भटकते देखा. जिसके बाद वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है. जगह-जगह पर सावधान रहने की सूचना लगायी गयी है. मगरमच्छ से दूरी बनाकर रहने और पानी में नहीं उतरने की हिदायत दी गयी है. स्थानीय लोगों का दावा है कि रात में मगरमच्छ पानी से बाहर आ जाता है और सूखे क्षेत्र में घूमता है. लोग इस वजह से काफी डरे हुए हैं. आसपास के इलाकों में मगरमच्छ को लेकर दहशत है. वहीं वन विभाग की टीम मगरमच्छ को पकड़ने के प्रयास में है. बता दें कि पिछले साल जब गंगा में पानी बढ़ा तो सुल्तानगंज से लेकर कहलगांव तक मगरमच्छ गंगा घाट पर दिखाई दे रहा था. कई अनहोनी घटना भी घटी और लोग बाल-बाल बचे थे. मगरमच्छ लोगों को शिकार बनाने की ताक में बैठा मिलता था. एकबार फिर अब मगरमच्छ ने लोगों को दहशत में जीने को मजबूर कर दिया है.